स्वयं अध्ययन:
1. नीचे दिए गए चित्रों की सहायता से प्राकृतिक सुंदरता दर्शाने वाला एक चित्र बनाकर उसमें रंग भरो।
2. अपने चित्र के बारे में बोलो।
Answer:
(१) किसान: किसान परिश्रमी होते हैं। उनके परिश्रम से ही सबको अन्न मिलता है।
(२) साँड़: साँड़ खेती के काम आते हैं
(३) वृक्ष: वृक्षों से हमें फल-फूल मिलते हैं। वृक्षों से ऑक्सीजन मिलती है। वृक्ष हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं।
(४) पहाड़: भारत में कई ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हैं। उत्तर में हिमालय भारत का प्रहरी है। महाराष्ट्र में भी कई पहाड़ हैं।
(५) चिड़िया: चिड़िया बहुत प्यारी लगती है। सुबह होते ही वह दाना चुगने जाती है। शाम को वापस घोंसले में लौट आती है।
(६) झरना: पहाड़ों से गिरते जल को झरना कहा जाता है। यह बहुत ही आकर्षक होता है।
जरा सोचो …. बताओ:
यदि प्रकृति में सुंदर-सुंदर रंग नहीं होते तो…..?
Answer:
यदि प्रकृति में सुंदर-सुंदर रंग नहीं होते तो प्राकृतिक सौंदर्य एक दम नीरस होता। हमारे जीवन में भी बिना रंग के सब कुछ सूना-सा लगता। कोई बाग-बगीचे में घूमने नहीं जाता। फूल भी एक ही रंग के अच्छे नहीं लगते।
भाषा की ओर
दिए गए शब्दों के लययुक्त शब्द:
- हवा – रवा
- बावली – साँवली
- सरसों – बरसों
- अलसी – कलसी, तुलसी
- महुआ – बथुआ
खोजबीन:
ऋतुओं के नाम बताते हुए उनके परिवर्तन की जानकारी प्राप्त करो और लिखो।
Answer:
वसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमन्त ऋतु,शिशिर ऋतु।
ऋतुओं में परिवर्तन का मुख्य कारण है – धरती का अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा करना।
सुनो तो जराः
त्योहार संबंधी कोई एक गीत सुनो और दोहराओ।
Answer:
होली गीत –
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया
घर घर से ब्रज बनिता आई
कोई श्याम कोई गोरी रे रसिया
आज बिरज ………. में.
इत ते आए कुंवर कन्हाई,
उत ते आई राधा गोरी रे रसिया
आज बिरज ………..में
कोई लावे चोवा कोई लावे चंदन
कोई मले मुख रोरी रे रसिया
आज बिरज में …………..।
बताओ तो सही:
‘शालेय स्वच्छता अभियान’ में तुम्हारा सहयोग बताओ।
Answer:
‘शालेय स्वच्छता अभियान के तहत मेरे विद्यालय में २ अक्टूबर को स्वच्छता अभियान रखा गया था। सबसे पहले एक प्रभात फेरी निकली, जिसमें मैंने भाग लिया। उसके बाद हमने विद्यालय एवं विद्यालय परिसर में साफसफाई की।
वाचन जगत से:
कविवर सुमित्रानंदन पंत की कविता का मुखर वाचन करो।
Answer:
गाता खग प्रातः उठकर
सुंदर, सुखमय जग-जीवन
गाता खग संध्या-तट पर
मंगल, मधुमय जग जीवन
कहती अपलक तारावलि
अपनी आँखों का अनुभव
अवलोक आँख आँसू की
भर आती आँखें नौरव
मेरी कलम से:
सप्ताह में एक दिन किसी कविता का सुलेखन करो।
Answer: विद्यार्थियों द्वारा लिखा जाए।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
1. नहीं कुछ …………….. है।
Answer: फिकर
2. गिरी ……………… से फिर, चढ़ी आम ऊपर।
Answer: धम्म
3. वहाँ ……………… में, लहर खूब मारी।
Answer: गेहुँओं
4. हिलाया-झुलाया गिरी पर न ……
Answer: कलसी
सदैव ध्यान में रखो
प्लास्टिक, थर्माकोल आदि प्रदूषण बढ़ाने वाले घटकों का उपयोग हानिकारक है।
Answer: प्लास्टिक व थर्माकोल जैसे घटक आसानी से नष्ट नहीं होते हैं। इन्हें जलाने पर भी पर्यावरण बहुत प्रदूषित होता है। यदि खुले में घूमने वाले जानवर गलती से इन्हें निगल लेते हैं तो उनकी मौत भी हो सकती है। वर्षा ऋतु में नालों व गटरों के जाम होने की घटना हमें प्राय: देखने व सुनने को मिलती है। इसका मुख्य कारण भी प्लास्टिक व थर्माकोल जैसे घटक ही हैं। हर प्रकार से इनका उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है। अत: पर्यावरण को बचाने के लिए हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम इनका उपयोग न करें और दूसरों को भी इसके दुष्पपरिणामों के प्रति जागरूक करें।
विचार मंथन:
“हवा प्रकृति का उपहार है, यही जीवन का आधार है।
Answer: हम सभी श्वास लेते हैं और श्वास छोड़ते हैं। हम श्वास के रूप में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और श्वास कार्बन डाय आक्साइड के रूप में छोड़ते हैं। पेड़ पौधे कार्बन डाय आक्साइड को पुन: ऑक्सीजन बनाते हैं। इस प्रकार हम ऑक्सीजन के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं।
अध्ययन कौशल:
वायुमंडलीय स्तर दर्शानेवाली आकृति बनाओ।
Answer: विद्यार्थी स्वंय आकृति बनाएँगे।
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