1. कवि का परिचय
- इस कविता के रचयिता प्रभुदयाल श्रीवास्तव हैं।
- इनका जन्म 4 अगस्त 1944 को दमोह (मध्यप्रदेश) में हुआ था।
- वे बाल साहित्य, लघु कथाएँ, कविता और गजल लिखते हैं।
2. कविता का मुख्य विषय
- यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति और नदी के प्रति उनके प्यार को दर्शाती है।
- कवि कल्पना करता है कि अगर वह चाहे, तो नदी को अपने कंधे पर उठाकर घर ले आएगा।
- वह नदी को अपने घर के सामने बहाना चाहता है ताकि सभी बच्चे उसमें खेल सकें और नहा सकें।
3. बच्चों की खुशी और खेल
- नदी के पास बच्चे कूदते-फाँदते हैं, तैरते हैं, डूबते-उतराते हैं और मस्ती करते हैं।
- सभी मिलकर गाते हैं और आनंद से भर जाते हैं।
- वे नदी में हर रोज नहाने और खेलने की इच्छा रखते हैं।
4. शाम को नदी वापस रख देना
- कवि कल्पना करता है कि जब शाम होगी, तो वे नदी को फिर से कंधे पर उठाकर वापस रख देंगे।
- जहाँ से उन्होंने नदी को लाया था, उसी जगह उसे लौटा देंगे।
5. कविता से सीख
- यह कविता हमें बच्चों की मासूम सोच और कल्पना की शक्ति को समझने में मदद करती है।
- बच्चे स्वतंत्र सोच रखते हैं और वे प्रकृति के साथ खेलना पसंद करते हैं।
- यह कविता प्राकृतिक सुंदरता और जल के महत्व को भी दर्शाती है।
मुख्य शब्दावली
शब्द | अर्थ |
---|---|
कल्पना | सोचने की शक्ति |
तैरना | पानी में चलना |
कूदना | ऊँचाई से उछलना |
आमंत्रण | बुलावा देना |
मस्ती | आनंद और खुशी |
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