कविता का परिचय:
यह कविता गौकरण वमा द्वारा लिखी गई है। यह एक देशभक्ति पूर्ण कविता है, जिसमें भारत की महानता, सुंदरता और उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की प्रेरणा दी गई है। कवि हमें एकजुट होकर अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
कविता का सारांश:
कवि हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने देश का निर्माण करना है और इसे शक्ति व समृद्धि की ऊँचाइयों तक ले जाना है। इसके लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी, अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा, और देश के लिए समर्पित रहना होगा।
मुख्य बातें:
- हमें अपने देश को शिक्षा, विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ाना होगा।
- भारत की हरियाली, नदियाँ, पहाड़ और सुंदरता को बनाए रखना होगा।
- सभी भारतीयों को मिल-जुलकर रहना चाहिए, ताकि कोई भेदभाव न हो।
- सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए हमें देश की प्रगति के लिए कार्य करना होगा।
कविता के मुख्य अंश:
(i) देश की उन्नति का संकल्प:
करना है निर्माण हमें नव भारत का निर्माण,हमें हमारे देश की जग में बढ़ानी होगी शान।
🔹 इस पंक्ति में कवि कहता है कि हमें एक नए और विकसित भारत का निर्माण करना है, जिससे पूरे विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़े।
(ii) प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन:
यही हमारी सब धरती हो खेतों में हरियाली,फूल-फलों से झूम रही हो बन-बन, डाली-डाली।
🔹 कवि भारत की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि हर जगह हरियाली हो, फसलें लहलहाएं और फूल-फल से हमारे जंगल और खेत भर जाएं।
(iii) सभी जातियों और धर्मों का मेल-जोल:
कोई न भेद रहे आपस में हम सब भाई-भाई,भारत की सब संतानों में सच्ची प्रेम भलाई।
🔹 भारत की विविधता में एकता को दर्शाया गया है। सभी धर्मों और जातियों के लोग मिलकर भाईचारे से रहें।
कठिन शब्द और उनके अर्थ:
शब्द | अर्थ |
---|---|
नव | नया |
सरवर | तालाब |
रतनाकर | समुद्र |
अतल | बहुत गहरा |
नीर | पानी |
मनहर | सुंदर, मन को भाने वाला |
चिमनगिरि | हिमालय पर्वत |
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