कहानी का परिचय:
- यह कहानी एक गरीब लेकिन ईमानदार लड़के ऋत्विक की है।
- उसे किताबें पढ़ने का बहुत शौक था, लेकिन वह उन्हें खरीद नहीं सकता था।
- परी ने उसकी ईमानदारी की परीक्षा ली और उसे इनाम दिया।
कहानी का सारांश:
(क) ऋत्विक की इच्छा और उदासी:
✔ ऋत्विक गाँव में रहने वाला एक गरीब लड़का था।
✔ वह पुस्तक मेला देखने और किताबें खरीदने जाना चाहता था।
✔ उसकी माँ ने उसे अकेले जाने से मना कर दिया, जिससे वह उदास हो गया।
✔ वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया, तभी एक परी वहाँ आई।
(ख) परी की परीक्षा:
✔ परी ने ऋत्विक से उसकी उदासी का कारण पूछा।
✔ ऋत्विक ने बताया कि वह किताबें खरीदना चाहता है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं।
✔ परी ने कहा कि अगर वह ईमानदारी की परीक्षा में पास होगा, तो उसे इनाम मिलेगा।
(ग) ईमानदारी की परीक्षा:
✔ रास्ते में ऋत्विक को एक पीले रंग की मखमली पोटली मिली।
✔ उसने उसे खोलने के बजाय सही मालिक को ढूंढने का फैसला किया।
✔ तभी एक राहगीर (जो असल में परी थी) वहाँ आया और अपनी पोटली के बारे में पूछा।
✔ राहगीर ने सही पहचान बताई, तो ऋत्विक ने ईमानदारी से उसे पोटली लौटा दी।
(घ) परी का उपहार:
✔ अगले दिन परी फिर से प्रकट हुई।
✔ परी ने ऋत्विक को उसी पोटली में बहुत सारी किताबें उपहार में दीं।
✔ परी ने कहा कि ईमानदारी का इनाम हमेशा मिलता है।
✔ ऋत्विक बहुत खुश हुआ और एक पुस्तकालय खोल लिया।
✔ गाँव के सभी बच्चे वहाँ आकर पढ़ने लगे और ऋत्विक को “पुस्तक मित्र” कहा जाने लगा।
कहानी से मिलने वाली सीख:
✔ ईमानदारी सबसे बड़ा गुण है।
✔ अच्छे काम का फल जरूर मिलता है।
✔ ज्ञान सबसे बड़ा उपहार है।
✔ बड़ों की बात सुननी चाहिए।
✔ किताबें पढ़ना बहुत जरूरी है।
नए शब्द और उनके अर्थ:
शब्द | अर्थ |
---|---|
राहगीर | सफर करने वाला व्यक्ति |
मखमली | बहुत मुलायम कपड़ा |
परीक्षा | जाँच या परख |
इनाम | पुरस्कार |
ईमानदारी | सच्चाई और सही काम करना |
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