Summary in Marathi
“कापडाची किंमत” ही कथा थिरुवल्लुवर यांच्याबद्दल आहे, जे तमिळनाडूमधील महान संत, कवी आणि विणकर होते. ते 2000 वर्षांपूर्वी जगले आणि सहनशीलता आणि कष्टाचे महत्त्व शिकवले.
एके दिवशी, थिरुवल्लुवर बाजारात सुंदर कापड विकत होते. एक श्रीमंत, अहंकारी तरुण त्यांच्या दुकानात आला. त्याला थिरुवल्लुवर यांना राग आणायचा होता. त्याने विचारले, “हे कापड कितीला आहे?” थिरुवल्लुवर म्हणाले, “आठ नाणी.” त्या तरुणाने कापड फाडले आणि विचारले, “आता कितीला?” थिरुवल्लुवर शांत राहिले आणि म्हणाले, “चार नाणी.”
तो तरुण कापड पुन्हा पुन्हा फाडत राहिला, आणि थिरुवल्लुवर शांततेने दर कमी करत राहिले. शेवटी, कापड पूर्णपणे नष्ट झाले आणि त्याची किंमत काहीच उरली नाही.
तो तरुण लाजला आणि आठ नाणी द्यायला तयार झाला, पण थिरुवल्लुवर म्हणाले, “कष्टाने तयार केलेली वस्तू नष्ट झाली की पैसेही ती परत आणू शकत नाहीत.” त्यांनी त्याला शेतकरी, सूत कताई करणारे आणि रंग काम करणाऱ्यांच्या मेहनतीचे महत्त्व समजावले.
हा तरुण आपली चूक समजून बदलला. ही गोष्ट आपल्याला शिकवते की कष्टाचा सन्मान करावा, संयम ठेवावा आणि वस्तू वाया घालवू नयेत. आयुष्य कापडासारखे आहे – जर आपण वाईट गोष्टींनी ते खराब केले, तर ते पुन्हा मिळवता येत नाही.
या गोष्टीतून आपण काय शिकतो?
✔ कष्टाचे महत्व समजले पाहिजे.
✔ आपण वस्तू वाया घालवू नयेत.
✔ संयम आणि दयाळूपणा आवश्यक आहेत.
✔ आयुष्य अनमोल आहे, ते योग्य मार्गाने जगले पाहिजे.
Summary in English
The story “The Worth of a Fabric” is about Thiruvalluvar, a great poet, saint, and weaver from Tamil Nadu who lived over 2000 years ago. He was a wise and patient man who believed in hard work, kindness, and respect.
One day, Thiruvalluvar was selling a beautiful piece of fabric in the market. A rich and arrogant young man came to his shop. He wanted to test Thiruvalluvar’s patience and tried to make him angry. First, he asked for the price of the fabric. Thiruvalluvar said “Eight coins.” The young man then tore the fabric into half and asked for the new price. Thiruvalluvar remained calm and said, “Four coins.” The young man kept tearing the fabric into smaller pieces and each time, Thiruvalluvar patiently reduced the price. Finally, the fabric was destroyed and had no value.
The young man felt ashamed and offered eight coins for the ruined fabric. Thiruvalluvar refused the money and explained that the fabric was made with love and hard work. Many people like farmers, spinners, and dyers worked hard to create it. He also said that money cannot bring back destroyed work, just like time lost in bad habits cannot be recovered.
The young man understood his mistake and decided to change his ways. The story teaches us that we should respect hard work, be patient, and not waste things. Life is like fabric – if we spoil it with bad actions, we cannot get it back.
Moral of the Story:
✔ Hard work should be respected.
✔ We should not waste things or make fun of others.
✔ Patience and kindness are important values.
✔ Life is precious and should not be wasted.
Summary in Hindi
“कपड़े का मूल्य” कहानी थिरुवल्लुवर के बारे में है, जो तमिलनाडु के एक महान संत, कवि और बुनकर थे। वे 2000 साल पहले जीवित थे और उन्होंने धैर्य और मेहनत का महत्व सिखाया।
एक दिन, थिरुवल्लुवर बाजार में सुंदर कपड़ा बेच रहे थे। एक अहंकारी और अमीर युवक उनकी दुकान पर आया। उसे थिरुवल्लुवर को गुस्सा दिलाना था। उसने पूछा, “इस कपड़े की कीमत कितनी है?” थिरुवल्लुवर ने कहा, “आठ सिक्के।” युवक ने कपड़े को आधा फाड़ दिया और फिर से कीमत पूछी। थिरुवल्लुवर ने शांत रहकर कहा, “चार सिक्के।”
युवक ने कपड़े को फिर से टुकड़ों में फाड़ दिया, लेकिन थिरुवल्लुवर गुस्सा नहीं हुए और कीमत घटाते रहे। आखिर में, कपड़ा पूरी तरह से बेकार हो गया और उसकी कोई कीमत नहीं बची।
युवक को अफसोस हुआ और उसने आठ सिक्के देने की पेशकश की, लेकिन थिरुवल्लुवर ने पैसे लेने से मना कर दिया। उन्होंने समझाया कि यह कपड़ा बहुत मेहनत से बना था, और मेहनत की गई चीज को नष्ट कर देने के बाद, पैसे भी उसे वापस नहीं ला सकते।
थिरुवल्लुवर ने यह भी कहा कि “जीवन भी इस कपड़े की तरह है – अगर हम इसे बुरी आदतों से खराब कर दें, तो इसे वापस नहीं लाया जा सकता।” यह सुनकर युवक को अपनी गलती समझ में आई और उसने अपने व्यवहार में बदलाव किया।
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
✔ मेहनत का सम्मान करना चाहिए।
✔ हमें चीजों को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
✔ धैर्य और दयालुता अच्छे गुण हैं।
✔ जीवन अनमोल है, इसे सही तरीके से जीना चाहिए।
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