Summary For All Chapters – Balbharati English Class 6
Stone Soup
Summary in English
The story takes place in a small village where the villagers—Motiram, Sonabai, Hirabai, and Rupabai—are reluctant to share their food with strangers. A hungry traveler arrives and asks for food, but the villagers refuse by making excuses. Undeterred, the traveler cleverly tells Rupabai that he has a magic stone that can make soup. Curious, she agrees to provide a pot of water. As the soup cooks, the traveler subtly suggests adding vegetables for better taste. One by one, the villagers contribute potatoes, tomatoes, carrots, and other ingredients. Eventually, everyone enjoys a delicious soup together. The traveler then reveals the secret—there was no magic in the stone; the real magic was in sharing.
Moral: Cooperation and kindness bring happiness to everyone.
Summary in Marathi
ही कथा एका छोट्या खेड्यात घडते जिथे मोतीराम, सोनाबाई, हिराबाई आणि रुपाबाई हे ग्रामस्थ अजनबींना मदत करायला तयार नसतात. एक प्रवासी येतो आणि जेवणाची विनंती करतो, पण प्रत्येकजण काहीतरी कारण काढून त्याला मदतीपासून वंचित ठेवतो. मात्र, प्रवासी हुशारीने रुपाबाईला सांगतो की त्याच्याकडे एक जादूचा दगड आहे जो सूप बनवू शकतो. कुतूहलाने रुपाबाई त्याला पाण्याचा भांडे आणून देते. स्वयंपाक करताना प्रवासी सूचित करतो की जर काही भाज्या मिळाल्या तर चव अधिक चांगली होईल. हळूहळू प्रत्येक ग्रामस्थ भाजीपाला देतो आणि अखेर सर्व मिळून स्वादिष्ट सूप तयार करतात. नंतर प्रवासी उघड करतो की दगडात काही जादू नव्हती, खरी जादू म्हणजे सर्वांनी मिळून दिलेली मदत.
तात्पर्य: एकत्रितपणे कार्य केल्यास आनंद आणि समाधान मिळते.
Summary in Hindi
यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ मोतीराम, सोनाबाई, हिराबाई और रुपाबाई नामक ग्रामीण किसी अजनबी को भोजन देने के लिए तैयार नहीं होते। एक भूखा यात्री गाँव में आता है और भोजन माँगता है, लेकिन ग्रामीण बहाने बनाकर उसे टाल देते हैं। यात्री चतुराई से रुपाबाई को बताता है कि उसके पास एक जादुई पत्थर है जो स्वादिष्ट सूप बना सकता है। उत्सुकता से रुपाबाई उसे पानी का बर्तन दे देती है। पकाते समय यात्री कहता है कि अगर कुछ सब्जियाँ डाली जाएँ तो स्वाद और अच्छा हो जाएगा। धीरे-धीरे सभी ग्रामीण आलू, टमाटर, गाजर आदि लाकर सूप में डालते हैं और अंत में सभी स्वादिष्ट सूप का आनंद लेते हैं। यात्री अंत में बताता है कि पत्थर में कोई जादू नहीं था, बल्कि असली जादू तो सभी के सहयोग में था।
शिक्षा: सहयोग और उदारता से सबका भला होता है।
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