Short Questions (with Answers)
1.जयप्रकाश नारायण का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को सिताब दियारा गाँव में हुआ था।
2. जयप्रकाश नारायण को किस नाम से प्रसिद्धि मिली?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण को ‘लोकनायक’ के नाम से प्रसिद्धि मिली।
3. जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम क्या था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम प्रभावती देवी था।
4. जयप्रकाश नारायण ने आरंभिक शिक्षा कहाँ प्राप्त की?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने आरंभिक शिक्षा घर पर प्राप्त की।
5. जयप्रकाश नारायण ने अमेरिका क्यों गए थे?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका गए थे।
6. जयप्रकाश नारायण ने असहयोग आंदोलन में क्या भूमिका निभाई?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने असहयोग आंदोलन के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी।
7. जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस से कब जुड़ाव किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने 1929 में कांग्रेस में प्रवेश किया।
8. ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा जयप्रकाश नारायण ने कब दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा 1974 में दिया।
9. जयप्रकाश नारायण को भारत रत्न कब मिला?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण को 1998 में मरणोपरांत भारत रत्न मिला।
10. जयप्रकाश नारायण ने किस प्रसिद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने 1974 के छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया।
11. ‘संपूर्ण क्रांति’ का उद्देश्य क्या था?
उत्तर : ‘संपूर्ण क्रांति’ का उद्देश्य समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था में सुधार करना था।
12. जयप्रकाश नारायण के राजनीतिक जीवन की शुरुआत कब हुई?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1932 में हुई।
13. जयप्रकाश नारायण का निधन कब हुआ?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण का निधन 8 अक्टूबर 1979 को हुआ।
14. जयप्रकाश नारायण ने किस आंदोलन में विनोबा भावे का साथ दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने भूदान आंदोलन में विनोबा भावे का साथ दिया।
15. जयप्रकाश नारायण का प्रमुख काव्य संग्रह कौन सा है?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण की प्रमुख कृति ‘रिकंस्ट्रक्शन ऑफ इंडियन पॉलिटी’ है।
16. जयप्रकाश नारायण ने किन प्रमुख नेताओं का उल्लेख अपने भाषण में किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने अपने भाषण में भगत सिंह और जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख किया।
17. जयप्रकाश नारायण किस वर्ग से सबसे अधिक प्रभावित थे?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण समाजवाद और मार्क्सवाद से सबसे अधिक प्रभावित थे।
18. जयप्रकाश नारायण ने किस घटना को लोकतंत्र के लिए खतरा माना?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल को लोकतंत्र के लिए खतरा माना।
19. जयप्रकाश नारायण ने छात्र आंदोलन में क्या संदेश दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने छात्रों से समाज सुधार और लोकतंत्र के प्रति समर्पण का आह्वान किया।
20. जयप्रकाश नारायण ने अपनी शिक्षा क्यों छोड़ी थी?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने असहयोग आंदोलन के समर्थन में अपनी शिक्षा छोड़ी थी।
21. जयप्रकाश नारायण के अनुसार, भ्रष्टाचार की जड़ क्या है?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, भ्रष्टाचार की जड़ चुनाव प्रक्रिया में खर्चीली व्यवस्था है।
22. जयप्रकाश नारायण ने छात्रों से क्या अपेक्षाएँ रखीं?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने छात्रों से नेतृत्व करने और समाज सुधार में भाग लेने की अपेक्षा की।
23. जयप्रकाश नारायण के अनुसार, संपूर्ण क्रांति का लक्ष्य क्या था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, संपूर्ण क्रांति का लक्ष्य सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक सुधार करना था।
24. जयप्रकाश नारायण ने किस सिद्धांत पर बल दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने दलविहीन लोकतंत्र के सिद्धांत पर बल दिया।
25. जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान कहाँ किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान पटना के गाँधी मैदान से किया।
Medium Questions (with Answers)
1. जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ के माध्यम से क्या संदेश दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ के माध्यम से समाज में समानता, न्याय और लोकतंत्र की स्थापना का संदेश दिया। उनका उद्देश्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक बदलाव था। वे चाहते थे कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का अधिकार मिले।
2. जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ आंदोलन का नेतृत्व क्यों स्वीकार किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ आंदोलन का नेतृत्व इसलिए स्वीकार किया क्योंकि देश में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उनका नेतृत्व आवश्यक था। छात्रों और युवाओं की अपेक्षाओं को देखते हुए उन्होंने अपनी जिम्मेदारी ली। उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस आंदोलन के लिए बलिदान और संघर्ष जरूरी हैं।
3. जयप्रकाश नारायण ने क्यों कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने से मना किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने से मना किया क्योंकि उनका मानना था कि गुलाम देश में कम्युनिस्टों को स्वतंत्रता संग्राम से अलग नहीं रहना चाहिए। उन्होंने हमेशा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्राथमिकता दी और कहा कि कम्युनिस्टों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना चाहिए।
4. जयप्रकाश नारायण के विचार में भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण क्या था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण चुनावी प्रक्रिया में होने वाला अत्यधिक खर्च था। यह खर्च उम्मीदवारों को भ्रष्ट बना देता था और आम आदमी को चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर देता था। उनका मानना था कि चुनावी खर्च में कमी और पारदर्शिता से भ्रष्टाचार कम हो सकता है।
5. जयप्रकाश नारायण के अनुसार, लोकतंत्र में युवाओं का क्या महत्व है?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, लोकतंत्र में युवाओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने ‘यूथ फॉर डेमोक्रेसी’ आंदोलन का आह्वान किया और युवाओं को लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक किया। उनका मानना था कि अगर युवा सक्रिय रूप से भाग लें, तो लोकतंत्र मजबूत हो सकता है।
6. जयप्रकाश नारायण का भारत में सत्ता परिवर्तन के बारे में क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण का मानना था कि सत्ता परिवर्तन केवल एक प्रारंभिक कदम है, और ‘संपूर्ण क्रांति’ का असली उद्देश्य समाज में व्यापक बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बदलने से सिर्फ परिस्थिति बदल सकती है, परंतु वास्तविक बदलाव के लिए सामाजिक और राजनीतिक संरचना में बदलाव की आवश्यकता है।
7. जयप्रकाश नारायण ने ‘जनता पार्टी’ के गठन में किस प्रकार योगदान दिया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘जनता पार्टी’ के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर 1977 के चुनाव के बाद। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों को एकजुट किया और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए एक नई पार्टी बनाई। उनका उद्देश्य लोकतंत्र और समाजवाद की स्थापना करना था।
8. जयप्रकाश नारायण के अनुसार, दलविहीन लोकतंत्र का क्या मतलब था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, दलविहीन लोकतंत्र का मतलब था ऐसा लोकतंत्र जिसमें राजनीतिक दलों का दबाव न हो और निर्णय जनता के सीधे प्रतिनिधियों द्वारा लिए जाएं। उनका मानना था कि इस प्रकार के लोकतंत्र में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही होगी।
9. जयप्रकाश नारायण के विचार में भारतीय लोकतंत्र की कमजोरी क्या थी?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, भारतीय लोकतंत्र की कमजोरी उसकी चुनावी प्रक्रिया और सत्ता के केंद्रीकरण में थी। उन्होंने कहा कि चुनावों में भ्रष्टाचार, जातिवाद और धन का प्रभाव लोकतंत्र को कमजोर करता है। उनका मानना था कि चुनावी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
Long Questions (with Answers)
1. जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान क्यों किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता के खिलाफ किया। उनका मानना था कि जब तक समाज में समानता और न्याय स्थापित नहीं होगा, तब तक सच्ची क्रांति संभव नहीं है। उन्होंने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। यह क्रांति उनके लिए न केवल सत्ता परिवर्तन, बल्कि सामाजिक बदलाव का एक माध्यम थी।
2. जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस से क्यों अलगाव किया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस से इसलिए अलगाव किया क्योंकि वे सत्ता के केंद्रीकरण से असहमत थे। वे लोककेंद्रित राजनीति के पक्षधर थे और चाहते थे कि सत्ता जनता के हाथ में हो। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी और बाद में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया। उनका उद्देश्य जनता के लिए समता और न्याय की स्थापना था।
3. जयप्रकाश नारायण के अमेरिका प्रवास का समाजवाद और माक्सवाद से क्या संबंध था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने अमेरिका में अध्ययन के दौरान समाजवाद और माक्सवाद को गहराई से समझा। वहां उन्हें श्रमिक वर्ग की समस्याओं और संघर्षों के बारे में भी अधिक जानकारी मिली। अमेरिका में रहकर उन्होंने माक्सवाद के सिद्धांतों को अपनाया, लेकिन बाद में उन्होंने भारतीय संदर्भ में समाजवाद का समर्थन किया। उनका यह अनुभव उनके राजनीतिक विचारों को आकार देने में सहायक रहा।
4. जयप्रकाश नारायण का ‘लोकनायक’ नामकरण कैसे हुआ?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण को ‘लोकनायक’ का सम्मान उनके समाजसेवी कार्यों और लोकतंत्र के लिए संघर्ष के कारण मिला। उनके नेतृत्व में जनता ने विभिन्न आंदोलनों में भाग लिया, खासकर आपातकाल के समय। उनका अहिंसक, निष्कलंक और समर्पित दृष्टिकोण उन्हें जनता का नायक बना गया। इस कारण से उन्हें ‘लोकनायक’ के नाम से जाना गया।
5. जयप्रकाश नारायण ने अपने भाषण में क्या कहा था, “जनता के शांतिपूर्ण कार्यक्रमों में बाधा डालना लोकतंत्र के दुश्मन हैं”?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण का यह कथन लोकतंत्र की सच्ची भावना का प्रतिपादन करता है। उनका मानना था कि लोकतंत्र का असली मतलब जनता की आवाज़ को सुनना और उसे न्याय दिलाना है। वे ऐसे नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ थे जो जनता के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दमनकारी तरीके से रोकते थे। उन्होंने लोकतंत्र में जनभागीदारी और विरोध के अधिकार की आवश्यकता पर बल दिया।
6. जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल के दौरान छात्रों से क्या अपेक्षाएँ कीं?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल के दौरान छात्रों से अनुशासन और साहस की उम्मीद की। उन्होंने उन्हें राजनीतिक और सामाजिक बदलाव के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। उनके अनुसार, छात्र आंदोलन की दिशा में नेतृत्व प्रदान कर सकते थे, और उनका योगदान लोकतंत्र की पुनःस्थापना में महत्वपूर्ण था।
7. जयप्रकाश नारायण ने दलविहीन लोकतंत्र के बारे में क्यों बात की?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने दलविहीन लोकतंत्र के विचार को मार्क्सवाद से जुड़ा हुआ बताया। उनका मानना था कि समाजवाद के सिद्धांतों के तहत, जब राज्य का नियंत्रण समाप्त होगा, तो एक ऐसी समाज व्यवस्था बनेगी जिसमें दलों की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका वर्तमान आंदोलन दलविहीन लोकतंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से नहीं था।
8. जयप्रकाश नारायण ने भारतीय लोकतंत्र में किस कमी की ओर इशारा किया था?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने भारतीय लोकतंत्र में जनमत की कमी की ओर इशारा किया था। उनका मानना था कि चुनावी प्रक्रिया में मतदान करने के अलावा जनता का कोई अन्य प्रभाव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों में भ्रष्टाचार और धनबल का प्रभाव बढ़ गया है, जिससे लोकतंत्र का उद्देश्य कमजोर हो रहा है।
9. जयप्रकाश नारायण ने अपनी युवावस्था में समाजवाद को क्यों अपनाया?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण ने अपनी युवावस्था में समाजवाद को इसलिए अपनाया क्योंकि वे मानते थे कि समाज में सभी के लिए समान अवसर और अधिकार होना चाहिए। उनका मानना था कि समाज के सभी वर्गों, खासकर मजदूरों और किसानों को एक समान स्थिति में लाना जरूरी है। समाजवाद उनके विचारों और कार्यों में यह परिवर्तन लाने का एक तरीका था।
10. जयप्रकाश नारायण के अनुसार शिक्षा और बेरोजगारी के संबंध में क्या समस्याएँ थीं?
उत्तर : जयप्रकाश नारायण के अनुसार, शिक्षा में भ्रष्टाचार और गरीबी की स्थिति में सुधार की आवश्यकता थी। उन्होंने यह बताया कि शिक्षा का उद्देश्य स्वतंत्र सोच और सामाजिक बदलाव के लिए तैयार करना होना चाहिए, न कि गुलामी की मानसिकता को बढ़ावा देना। उन्होंने बेरोजगारी की समस्या को भी गंभीरता से उठाया और कहा कि यह गरीबों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
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