Short Questions (with Answers)
1. चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर : चंद्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म 7 जुलाई 1883 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था।
2. गुलेरी जी की प्रमुख कहानियों के नाम बताएँ।
उत्तर : गुलेरी जी की प्रमुख कहानियाँ हैं: ‘सुखमय जीवन’, ‘बुद्ध का काँटा’, और ‘उसने कहा था’।
3. ‘उसने कहा था’ कहानी का प्रमुख पात्र कौन है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी का प्रमुख पात्र लहना सिंह है।
4. ‘उसने कहा था’ कहानी पहली बार कहाँ प्रकाशित हुई थी?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी पहली बार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा संपादित पत्रिका ‘सरस्वती’ में प्रकाशित हुई थी।
5. ‘उसने कहा था’ कहानी की पृष्ठभूमि कौन से युद्ध पर आधारित है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी की पृष्ठभूमि प्रथम विश्व युद्ध पर आधारित है।
6. गुलेरी जी का स्थायी निवास कहाँ था?
उत्तर : गुलेरी जी का स्थायी निवास हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ‘गुलेर’ नामक ग्राम में था।
7. गुलेरी जी ने कितनी कहानियाँ लिखीं?
उत्तर : गुलेरी जी ने केवल तीन कहानियाँ लिखीं।
8. गुलेरी जी का निधन कब हुआ?
उत्तर : चंद्रधर शर्मा गुलेरी का निधन 12 सितंबर 1922 को हुआ।
9. ‘उसने कहा था’ कहानी के मुख्य विषय क्या हैं?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी के मुख्य विषय प्रेम, त्याग और कर्तव्य हैं।
10. ‘उसने कहा था’ कहानी का आरंभ कहाँ होता है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी का आरंभ अमृतसर के भीड़भाड़ वाले बाजार से होता है।
11. कहानी में लहना सिंह किसकी रक्षा करता है?
उत्तर : कहानी में लहना सिंह सूबेदार हजारा सिंह और उनके बेटे बोधा की रक्षा करता है।
12. ‘उसने कहा था’ कहानी का क्या केंद्रीय भाव है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी का केंद्रीय भाव प्रेम और कर्तव्य के प्रति निष्ठा है।
13. लहना सिंह और सूबेदारनी की पहली मुलाकात कहाँ हुई थी?
उत्तर : लहना सिंह और सूबेदारनी की पहली मुलाकात अमृतसर के बाजार में हुई थी।
14. सूबेदारनी ने लहना सिंह से क्या प्रार्थना की थी?
उत्तर : सूबेदारनी ने लहना सिंह से अपने पति और बेटे की रक्षा करने की प्रार्थना की थी।
15. गुलेरी जी ने किन विषयों पर निबंध लिखे?
उत्तर : गुलेरी जी ने पुरातत्त्व, इतिहास, भाषाशास्त्र और साहित्य जैसे विषयों पर निबंध लिखे।
16. ‘उसने कहा था’ कहानी किस शैली में लिखी गई है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी यथार्थवाद और भावुकता के संतुलित मिश्रण में लिखी गई है।
17. कहानी के अंत में लहना सिंह की क्या स्थिति होती है?
उत्तर : कहानी के अंत में लहना सिंह अपने प्राण त्याग देता है।
18. ‘उसने कहा था’ कहानी में कौन सा भारतीय मूल्यों का चित्रण है?
उत्तर : इस कहानी में प्रेम, त्याग, और कर्तव्य के प्रति निष्ठा जैसे भारतीय मूल्यों का चित्रण है।
19. गुलेरी जी किस युग के लेखक थे?
उत्तर : गुलेरी जी द्विवेदी युग के प्रमुख लेखक थे।
20. ‘उसने कहा था’ कहानी में किसने फिल्म बनाई थी?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी पर प्रसिद्ध फिल्मकार विमल राय ने फिल्म बनाई थी।
21. गुलेरी जी किस विभाग के अध्यक्ष रहे?
उत्तर : गुलेरी जी संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रहे।
22. ‘उसने कहा था’ कहानी का फिल्म रूपांतर किस प्रकार सफल हुआ?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी का फिल्म रूपांतर बहुत सफल हुआ और इसे दर्शकों ने सराहा।
23. गुलेरी जी ने हिंदी में निबंध के अलावा किस भाषा में लेख लिखे?
उत्तर : गुलेरी जी ने हिंदी के अलावा अंग्रेजी में भी लेख लिखे।
24. ‘उसने कहा था’ कहानी की भाषा कैसी है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी की भाषा सरल और प्रभावशाली है।
25. कहानी का मुख्य पात्र लहना सिंह किस पेशे में था?
उत्तर : लहना सिंह एक सिख सैनिक था।
Medium Questions (with Answers)
1. ‘उसने कहा था’ कहानी में लहना सिंह के चरित्र की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : लहना सिंह एक साहसी और निष्ठावान सिख सैनिक है, जो अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानता है। वह अपने वचन और प्रेम दोनों के प्रति पूरी तरह समर्पित है। कहानी में उसकी त्याग भावना और सूझबूझ उसे एक महान पात्र बनाती है। अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी वह दूसरों की रक्षा के लिए तत्पर रहता है।
2. ‘उसने कहा था’ कहानी में प्रेम को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है?
उत्तर : इस कहानी में प्रेम को शुद्ध और त्यागमय रूप में प्रस्तुत किया गया है। लहना सिंह का प्रेम भावुक होकर भी कर्तव्य और मानवीय मूल्यों में बंधा है। वह अपने बचपन की मित्र के लिए जीवनभर सम्मान और समर्पण बनाए रखता है। प्रेम के इस आदर्श रूप को कहानी में गहराई से दिखाया गया है।
3. गुलेरी जी का हिंदी साहित्य में क्या योगदान है?
उत्तर : गुलेरी जी हिंदी कहानी के प्रारंभिक लेखकों में से एक थे, जिन्होंने यथार्थवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। उनकी रचनाएँ भाषा, शैली और विषय-वस्तु के लिए जानी जाती हैं। ‘उसने कहा था’ को हिंदी कहानी का मील का पत्थर माना जाता है। उनके निबंधों और कहानियों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया।
4. ‘उसने कहा था’ कहानी का आरंभिक दृश्य क्या है?
उत्तर : कहानी का आरंभ अमृतसर के भीड़भाड़ वाले बाजार से होता है, जहाँ लहना सिंह एक लड़की को ताँगे के नीचे आने से बचाता है। यह दृश्य न केवल कहानी की शुरुआत करता है, बल्कि पात्रों के बीच के भावनात्मक संबंध को भी दर्शाता है। यह घटना दोनों पात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
5. गुलेरी जी ने केवल तीन कहानियाँ लिखने के बावजूद अमरता कैसे प्राप्त की?
उत्तर : गुलेरी जी ने अपनी कहानियों में विषय-वस्तु, भाषा और शैली को अद्वितीय रूप दिया। ‘उसने कहा था’ जैसी रचनाओं ने उन्हें हिंदी साहित्य में अमर कर दिया। उनकी कहानियों का प्रभाव उनके समय से बहुत आगे का माना जाता है। उनके लेखन में गहराई और मानवता का मर्म दिखाई देता है।
6. सूबेदारनी ने लहना सिंह से क्या प्रार्थना की और क्यों?
उत्तर : सूबेदारनी ने लहना सिंह से अपने पति और बेटे की रक्षा करने की प्रार्थना की। वह जानती थी कि युद्ध के खतरों में उनके जीवन की रक्षा करना आवश्यक है। यह प्रार्थना लहना सिंह के भीतर छिपे प्रेम और कर्तव्य भावना को जागृत करती है। इसी के कारण वह अपने प्राणों की आहुति देता है।
7. ‘उसने कहा था’ कहानी के शीर्षक का महत्व क्या है?
उत्तर : कहानी का शीर्षक ‘उसने कहा था’ पूरे कथानक को सार्थक बनाता है। यह लहना सिंह द्वारा सूबेदारनी को दिया गया वचन और उसके प्रति निभाई गई प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शीर्षक प्रेम, त्याग और कर्तव्य के बीच के रिश्ते को अभिव्यक्त करता है। यह कहानी के भावनात्मक और वैचारिक स्तर को स्पष्ट करता है।
8. ‘उसने कहा था’ कहानी में युद्ध का वर्णन कैसा है?
उत्तर : कहानी में युद्ध का वर्णन बेहद यथार्थवादी और गहराई से किया गया है। युद्ध के मैदान की कठिनाइयाँ, सर्दी और सैनिकों के संघर्ष को बारीकी से दर्शाया गया है। लहना सिंह के साहस और बलिदान को युद्ध के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। युद्ध का यह विवरण कहानी को जीवंत और प्रभावशाली बनाता है।
9. कहानी में लहना सिंह की सूझबूझ कैसे दिखती है?
उत्तर : लहना सिंह अपनी सूझबूझ से जर्मन सैनिक के भेष में आए दुश्मन को पहचान लेता है। वह न केवल दुश्मन की योजना को विफल करता है, बल्कि अपनी रेजिमेंट को भी बचाता है। उसकी बुद्धिमानी और फुर्ती कहानी में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। यह गुण उसे एक आदर्श सैनिक के रूप में प्रस्तुत करता है।
10. ‘उसने कहा था’ कहानी में नैतिकता की क्या भूमिका है?
उत्तर : कहानी में नैतिकता का एक प्रमुख स्थान है, जो प्रेम और कर्तव्य के संतुलन को दर्शाता है। लहना सिंह अपने वचन और नैतिक कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाता है। उसका चरित्र पाठकों को प्रेरित करता है कि व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण करें।
11. कहानी में सूबेदारनी की भूमिका क्या है?
उत्तर : सूबेदारनी कहानी में प्रेरणा और भावनात्मक गहराई का प्रतीक है। वह अपने पति और बेटे की रक्षा के लिए लहना सिंह से प्रार्थना करती है। उसकी अपील और बचपन का संबंध लहना सिंह को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करता है। सूबेदारनी का चरित्र प्रेम और निष्ठा का प्रतीक है।
12. ‘उसने कहा था’ कहानी के नायक की अंतिम इच्छा क्या थी?
उत्तर : कहानी के नायक लहना सिंह की अंतिम इच्छा थी कि सूबेदारनी को यह बताया जाए कि उसने अपने वचन को पूरा किया। वह अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी दूसरों के प्रति अपने दायित्व को निभाने की सोचता है। यह उसकी निष्ठा और त्याग भावना को दर्शाता है।
13. कहानी के अंत में पाठकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर : कहानी का अंत पाठकों के मन में गहरी संवेदनाएँ और विचार उत्पन्न करता है। लहना सिंह का त्याग और निष्ठा पाठकों को प्रेम और कर्तव्य की शक्ति का एहसास कराता है। कहानी समाप्त होने के बाद भी इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है।
14. गुलेरी जी की भाषा-शैली ‘उसने कहा था’ में कैसी है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ में गुलेरी जी की भाषा-शैली सरल, प्रभावशाली और व्यंग्यात्मक है। उनकी शैली पात्रों और घटनाओं को जीवन्त बनाती है। कहानी में उन्होंने संवादों और वर्णन के माध्यम से पात्रों की भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है।
15. गुलेरी जी की कहानियों का हिंदी साहित्य पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : गुलेरी जी की कहानियों ने हिंदी साहित्य में यथार्थवाद और भावुकता का संतुलन प्रस्तुत किया। उनकी कहानियाँ पाठकों को मानवीय संवेदनाओं और मूल्यों से जोड़ती हैं। ‘उसने कहा था’ जैसी रचनाएँ आज भी हिंदी साहित्य में अमूल्य मानी जाती हैं।
Long Questions (with Answers)
1. ‘उसने कहा था’ कहानी में लहना सिंह का चरित्र कैसे उभरकर सामने आता है?
उत्तर : लहना सिंह का चरित्र साहस, त्याग और निष्ठा का प्रतीक है। वह एक सिख सैनिक है जो अपने वचन और कर्तव्य को सर्वोपरि मानता है। सूबेदारनी से किए वादे को निभाने के लिए वह अपने प्राणों की आहुति दे देता है। उसकी बुद्धिमानी और सूझबूझ युद्ध के समय दुश्मनों की योजना को विफल करती है। लहना सिंह का यह बलिदान उसे कहानी का अमर नायक बनाता है।
2. ‘उसने कहा था’ कहानी का शीर्षक किस प्रकार कहानी के विषय को व्यक्त करता है?
उत्तर : शीर्षक ‘उसने कहा था’ कहानी के केंद्र में स्थित वचनबद्धता और कर्तव्य के महत्व को दर्शाता है। यह शीर्षक लहना सिंह के उस वादे की ओर संकेत करता है, जो उसने सूबेदारनी से किया था। यह वादा उसके प्रेम, त्याग और कर्तव्य का प्रतीक बनता है। शीर्षक पाठकों के मन में जिज्ञासा उत्पन्न करता है और कहानी के भावनात्मक पक्ष को उजागर करता है।
3. गुलेरी जी ने ‘उसने कहा था’ कहानी में युद्ध का चित्रण कैसे किया है?
उत्तर : कहानी में युद्ध का वर्णन बेहद यथार्थवादी और सजीव है। सर्दी, खाइयों में रहना, दुश्मनों का हमला और सैनिकों की मानसिकता को विस्तार से दिखाया गया है। युद्ध के इस वातावरण में सैनिकों की चुनौतियाँ और उनके भीतर के संघर्षों को उभारा गया है। लहना सिंह का साहस और उसकी सूझबूझ युद्ध की स्थितियों को गहराई से प्रस्तुत करता है। यह चित्रण कहानी को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
4. सूबेदारनी का लहना सिंह से जुड़ा संवाद कहानी को कैसे आगे बढ़ाता है?
उत्तर : सूबेदारनी का संवाद कहानी की भावनात्मक गहराई को बढ़ाता है। वह अपने पति और बेटे की रक्षा के लिए लहना सिंह से वचन मांगती है। यह वचन कहानी का मुख्य आधार बनता है, जो आगे चलकर लहना सिंह के बलिदान में परिवर्तित होता है। सूबेदारनी के संवाद लहना सिंह को प्रेरित करते हैं और उसे अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक बनाते हैं। संवाद के माध्यम से प्रेम और कर्तव्य का सुंदर चित्रण होता है।
5. ‘उसने कहा था’ कहानी में प्रेम और कर्तव्य का किस प्रकार सामंजस्य है?
उत्तर : कहानी में प्रेम और कर्तव्य को संतुलित रूप में प्रस्तुत किया गया है। लहना सिंह का प्रेम शुद्ध और निःस्वार्थ है, जो सूबेदारनी के प्रति उसकी निष्ठा में झलकता है। उसका कर्तव्य प्रेम से जुड़ा है, क्योंकि वह वचनबद्धता के कारण अपने जीवन का त्याग करता है। कहानी यह संदेश देती है कि सच्चा प्रेम कर्तव्य के साथ ही पूर्ण होता है। प्रेम और कर्तव्य के इस सामंजस्य ने कहानी को कालजयी बना दिया है।
6. गुलेरी जी की भाषा-शैली ‘उसने कहा था’ में कैसे पाठकों को आकर्षित करती है?
उत्तर : गुलेरी जी की भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और प्रभावी है, जो पाठकों को आसानी से जोड़ती है। उन्होंने पात्रों की भावनाओं को प्रकट करने के लिए संवादों का प्रभावी उपयोग किया है। उनकी शैली में व्यंग्य और यथार्थ का मिश्रण कहानी को जीवन्त बनाता है। युद्ध के दृश्य, प्रेम की अभिव्यक्ति और मानवीय संवेदनाएँ उनकी भाषा-शैली को अनूठा बनाती हैं। यह शैली पाठकों को कहानी के अंत तक बांधे रखती है।
7. ‘उसने कहा था’ कहानी में सूबेदार हजारा सिंह और उनके बेटे बोधा का क्या महत्व है?
उत्तर : सूबेदार हजारा सिंह और उनके बेटे बोधा कहानी के मुख्य घटनाक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लहना सिंह सूबेदारनी के वचन के कारण उनकी रक्षा करता है। यह पात्र कहानी के कर्तव्य और बलिदान के विषय को गहराई देता है। उनकी उपस्थिति लहना सिंह के चरित्र और कहानी के भावनात्मक पक्ष को उभारती है। ये पात्र लहना सिंह के बलिदान को सार्थक बनाते हैं।
8. गुलेरी जी की ‘उसने कहा था’ कहानी हिंदी साहित्य में क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर : ‘उसने कहा था’ कहानी हिंदी साहित्य की एक कालजयी रचना है। इस कहानी ने हिंदी कहानी में यथार्थवाद, भावुकता और कथानक के संतुलन को प्रस्तुत किया। इसकी भाषा, शैली और शिल्प अपने समय से काफी आगे की रचना मानी जाती है। इस कहानी का प्रभाव हिंदी कहानी लेखन में एक नई दिशा देता है। गुलेरी जी ने इस रचना के माध्यम से साहित्यिक इतिहास में अमिट छाप छोड़ी।
9. ‘उसने कहा था’ कहानी के अंत में लहना सिंह का बलिदान पाठकों को क्या सिखाता है?
उत्तर : कहानी के अंत में लहना सिंह का बलिदान प्रेम, त्याग और कर्तव्य का प्रतीक बनता है। वह अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी दूसरों की रक्षा के लिए तत्पर रहता है। उसका बलिदान यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम और कर्तव्य निःस्वार्थ भाव से निभाए जाते हैं। कहानी पाठकों को मानवीय मूल्यों और साहस की प्रेरणा देती है। यह बलिदान हिंदी साहित्य में अमर हो गया है।
10. गुलेरी जी की अन्य कहानियाँ ‘सुखमय जीवन’ और ‘बुद्ध का काँटा’ किस प्रकार ‘उसने कहा था’ से अलग हैं?
उत्तर : ‘सुखमय जीवन’ और ‘बुद्ध का काँटा’ गुलेरी जी की प्रारंभिक रचनाएँ हैं, जो सामाजिक और दार्शनिक विषयों पर केंद्रित हैं। ‘उसने कहा था’ कहानी प्रेम, कर्तव्य और युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह कहानी अपनी शैली और विषयवस्तु में अधिक गहराई और यथार्थवाद प्रस्तुत करती है। जबकि उनकी अन्य कहानियाँ भारतीय समाज और दर्शन के पहलुओं को उजागर करती हैं। ‘उसने कहा था’ ने साहित्यिक रूप से उन्हें अमर बना दिया।
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