Short Questions (with Answers)
1. मोपासाँ का जन्म किस देश में हुआ था?
उत्तर : मोपासाँ का जन्म फ्रांस में हुआ था, जो अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
2. कहानी “रस्सी का टुकड़ा” का मुख्य पात्र कौन है?
उत्तर : कहानी “रस्सी का टुकड़ा” का मुख्य पात्र मैत्र होशेकम नामक किसान है।
3. होशेकम को जमीन पर क्या मिला?
उत्तर : होशेकम को जमीन पर रस्सी का एक छोटा सा टुकड़ा मिला, जिसे उसने उठा लिया।
4. मलांदे का क्या काम था?
उत्तर : मलांदे घोड़ों की काठी बनाने का काम करता था और वह होशेकम का पड़ोसी था।
5. बाजार में किसकी मुनादी की गई थी?
उत्तर : बाजार में मुनादी की गई थी कि एक काले चमड़े का बटुआ, जिसमें पाँच सौ फ्रैंक और व्यापार के कागजात थे, खो गया है।
6. होशेकम ने रस्सी का टुकड़ा कहाँ छिपाया?
उत्तर : होशेकम ने रस्सी का टुकड़ा अपनी पतलून की जेब में छिपा लिया था ताकि कोई उसे देख न सके।
7. बाजार में किस प्रकार की गंध फैली थी?
उत्तर : बाजार में मवेशियों, गोबर, भूसे और पसीने की गंध फैली हुई थी, जिससे किसान परिचित थे।
8. होशेकम पर किसने आरोप लगाया?
उत्तर : होशेकम पर मलांदे नामक काठी बनाने वाले ने बटुआ उठाने का आरोप लगाया।
9. होशेकम किस बीमारी से पीड़ित था?
उत्तर : होशेकम गठिया नामक बीमारी से पीड़ित था, जिससे वह मुश्किल से झुक पाता था।
10. मुनादी में क्या इनाम रखा गया था?
उत्तर : मुनादी में घोषणा की गई थी कि बटुआ लौटाने वाले को बीस फ्रैंक का इनाम दिया जाएगा।
11. होशेकम ने रस्सी उठाने के बाद क्या किया?
उत्तर : होशेकम ने रस्सी उठाकर उसे पहले अपनी कमीज में छिपाने की कोशिश की और फिर अपनी जेब में डाल लिया।
12. लोगों ने होशेकम की कहानी पर विश्वास क्यों नहीं किया?
उत्तर : लोगों ने होशेकम की कहानी पर विश्वास नहीं किया क्योंकि मलांदे ने उसे बटुआ उठाते देखा होने का दावा किया।
13. होशेकम का सबसे बड़ा डर क्या था?
उत्तर : होशेकम का सबसे बड़ा डर था कि लोग उसकी ईमानदारी पर संदेह करें और उसे झूठा समझें।
14. बाजार में किसान कैसे खरीदारी करते थे?
उत्तर : किसान खरीदारी करते समय मोलभाव करते थे और ठगने से बचने के लिए सतर्क रहते थे।
15. बटुआ किसे मिला और उसने क्या किया?
उत्तर : बटुआ मैत्र ब्रैतों के कर्मचारी को मिला, जिसने उसे अपने मालिक को सौंप दिया।
16. होशेकम का मनोबल क्यों टूट गया?
उत्तर : होशेकम का मनोबल इसलिए टूट गया क्योंकि कोई भी उसकी सच्चाई पर विश्वास नहीं कर रहा था।
17. होशेकम ने मरने से पहले क्या कहा?
उत्तर : मरने से पहले होशेकम ने बार-बार कहा, “रस्सी का एक टुकड़ा, यह रहा, मोस्यू मेयर।”
18. मलांदे ने होशेकम पर क्या आरोप लगाया था?
उत्तर : मलांदे ने आरोप लगाया कि होशेकम ने जमीन पर पड़ा बटुआ उठाया था।
19. होशेकम के किस व्यवहार से लोग उस पर शक करते थे?
उत्तर : होशेकम के चालाकी भरे व्यवहार और डींग हांकने की आदत से लोग उस पर शक करते थे।
20. कहानी “रस्सी का टुकड़ा” से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर : कहानी “रस्सी का टुकड़ा” यह संदेश देती है कि झूठा आरोप और सामाजिक अविश्वास किसी व्यक्ति की मानसिक शांति को नष्ट कर सकता है।
Medium Questions (with Answers)
1. मोपासाँ की इस कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर : मोपासाँ की कहानी “रस्सी का टुकड़ा” समाज की उस प्रवृत्ति को उजागर करती है, जो अफवाहों और झूठे आरोपों पर विश्वास कर लेती है। यह कहानी दिखाती है कि अविश्वास और झूठे आरोप किसी निर्दोष व्यक्ति को कितना नुकसान पहुँचा सकते हैं। होशेकम की त्रासदी हमें ईमानदारी और सत्यता के महत्व का बोध कराती है।
2. होशेकम ने रस्सी का टुकड़ा क्यों उठाया, और इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर : होशेकम ने रस्सी का टुकड़ा इसलिए उठाया क्योंकि वह मानता था कि हर काम की चीज उपयोगी हो सकती है। लेकिन मलांदे ने उसे बटुआ उठाते देखा होने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद उसे सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ा। उसका जीवन तनाव और बेबसी में बीतने लगा।
3. मलांदे ने होशेकम पर बटुआ उठाने का आरोप क्यों लगाया?
उत्तर : मलांदे ने होशेकम पर बटुआ उठाने का आरोप इसलिए लगाया क्योंकि उसने उसे जमीन से कुछ उठाते हुए देखा। उसकी पहले से होशेकम से दुश्मनी थी, इसलिए उसने जानबूझकर उसे झूठा साबित करने की कोशिश की। मलांदे के इस आरोप ने होशेकम के जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।
4. होशेकम ने लोगों को अपनी बेगुनाही कैसे साबित करने की कोशिश की?
उत्तर : होशेकम ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लोगों को बार-बार रस्सी का टुकड़ा दिखाया। उसने अपनी जेबें खाली करके भी दिखाई और सच्चाई की कसमें खाईं। लेकिन लोग उसकी चालाकी की छवि के कारण उस पर विश्वास नहीं कर पाए। यह अविश्वास उसे अंदर से तोड़ने लगा।
5. मुनादी के बाद लोगों का ध्यान किस ओर गया?
उत्तर : मुनादी के बाद लोगों का ध्यान खोए हुए बटुए की ओर गया और उन्होंने इसके लिए होशेकम को दोषी ठहराया। उन्होंने मान लिया कि होशेकम ने बटुआ उठाया और रस्सी का बहाना बनाया। यह संदेह और अफवाहें पूरे इलाके में आग की तरह फैल गईं।
6. बटुआ मिलने के बाद भी होशेकम को निर्दोष क्यों नहीं माना गया?
उत्तर : बटुआ मिलने के बाद भी लोग होशेकम को निर्दोष नहीं मान पाए क्योंकि उन्होंने सोचा कि उसने इसे अपने साथी से लौटवाया है। उसकी चालाकी की छवि ने लोगों को और अधिक भ्रमित कर दिया। इस अविश्वास ने होशेकम की मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया।
7. होशेकम पर लगे झूठे आरोप का उसके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : होशेकम पर लगे झूठे आरोप ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया। उसने लोगों को बार-बार अपनी सच्चाई समझाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। यह सामाजिक अपमान और तनाव उसकी मृत्यु का कारण बना।
8. कहानी में बाजार के माहौल का क्या चित्रण है?
उत्तर : कहानी में बाजार का माहौल बेहद जीवंत और कोलाहलपूर्ण दिखाया गया है। किसान अपने पशु और सामान बेचने के लिए आए हुए थे। जानवरों की गंध, किसानों की हँसी और मोलभाव का दृश्य ग्रामीण जीवन की सजीव झलक प्रस्तुत करता है। यह कहानी की पृष्ठभूमि को मजबूत बनाता है।
9. होशेकम ने रस्सी उठाने के बाद मलांदे को देखकर क्या किया?
उत्तर : होशेकम ने रस्सी उठाने के बाद मलांदे को देखकर शर्मिंदगी महसूस की। उसने रस्सी को छिपाने की कोशिश की और दिखाने लगा कि वह कुछ और खोज रहा है। मलांदे के देखने से उसे डर लगने लगा कि वह कुछ गलत समझेगा। यह घटना उसकी परेशानी का आरंभ बनी।
10. कहानी के अंत में होशेकम की मानसिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर : कहानी के अंत में होशेकम की मानसिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी। समाज के अविश्वास और अपमान ने उसे भीतर से तोड़ दिया। उसने अपनी बेगुनाही को साबित करने के लिए बार-बार प्रयास किया, लेकिन अंततः वह मानसिक तनाव के कारण मौत के करीब पहुँच गया।
Long Questions (with Answers)
1. कहानी “रस्सी का टुकड़ा” के मुख्य पात्र होशेकम की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : होशेकम एक ईमानदार और मेहनती किसान था, लेकिन वह छोटी-छोटी चीजों को भी उपयोगी समझकर उठा लेने में विश्वास करता था। उसकी नॉर्मन चालाकी की आदत के कारण लोग उसे चालबाज मानते थे। जब उस पर बटुआ चुराने का आरोप लगा, तो वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हर संभव प्रयास करता रहा। उसकी यही ईमानदारी और आत्म-सम्मान की भावना उसे समाज के अविश्वास के कारण मानसिक रूप से तोड़ देती है।
2. मुनादी का क्या उद्देश्य था, और इसका होशेकम पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर : मुनादी का उद्देश्य यह घोषणा करना था कि बेंजेविल रोड पर एक काले चमड़े का बटुआ खो गया है, और इसे लौटाने वाले को इनाम मिलेगा। इस घोषणा ने होशेकम को गहरे मानसिक तनाव में डाल दिया क्योंकि उस पर बटुआ उठाने का आरोप लगाया गया। यह घटना उसकी प्रतिष्ठा और ईमानदारी पर संदेह का कारण बनी, जिससे वह असहज और परेशान हो गया।
3. होशेकम के प्रति समाज का व्यवहार कैसा था?
उत्तर : समाज ने होशेकम के प्रति बेहद कठोर और अविश्वासी व्यवहार किया। लोगों ने बिना प्रमाण के उसे बटुआ चुराने का दोषी ठहराया और उसकी बातों को झूठ समझा। यहाँ तक कि जब बटुआ मिल गया, तब भी लोग उसे निर्दोष मानने को तैयार नहीं हुए। इस सामाजिक अविश्वास ने होशेकम को मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया।
4. कहानी में ग्रामीण जीवन का चित्रण कैसे किया गया है?
उत्तर : कहानी में ग्रामीण जीवन का चित्रण बाजार के जीवंत दृश्य, किसानों की दिनचर्या और उनके मोलभाव के तरीकों से किया गया है। जानवरों की गंध, लोगों की भीड़, और ठगी से बचने के लिए किसानों की सतर्कता इसे यथार्थवादी बनाती है। यह ग्रामीण समाज की मानसिकता को भी उजागर करती है, जो अफवाहों और झूठे आरोपों पर जल्दी विश्वास कर लेती है।
5. बटुआ मिलने के बाद भी होशेकम की स्थिति में सुधार क्यों नहीं हुआ?
उत्तर : बटुआ मिलने के बाद भी होशेकम की स्थिति में सुधार नहीं हुआ क्योंकि लोग उसे दोषी मानते रहे। उन्होंने सोचा कि होशेकम ने अपने साथी से बटुआ लौटवाकर खुद को निर्दोष साबित करने की चाल चली है। यह अविश्वास उसकी प्रतिष्ठा को और अधिक धूमिल करता है और उसे मानसिक तनाव की ओर धकेल देता है।
6. होशेकम की मृत्यु के पीछे मुख्य कारण क्या था?
उत्तर : होशेकम की मृत्यु का मुख्य कारण समाज का उस पर किया गया अन्यायपूर्ण व्यवहार था। झूठे आरोप, अपमान, और लगातार अविश्वास ने उसे मानसिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया। वह अपनी सच्चाई बार-बार साबित करने की कोशिश करता रहा, लेकिन असफलता ने उसे इतना कमजोर कर दिया कि वह जीवन के अंत तक अपनी बेगुनाही की दुहाई देता रहा।
7. होशेकम और मलांदे के बीच संबंध कैसे थे, और उन्होंने कहानी को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर : होशेकम और मलांदे के बीच पुराने झगड़े और दुश्मनी के कारण संबंध खराब थे। मलांदे ने जानबूझकर होशेकम को बटुआ चुराने का दोषी ठहराया, जिससे कहानी का मुख्य संघर्ष शुरू होता है। इस झूठे आरोप ने समाज का ध्यान होशेकम की ओर खींचा और उसकी प्रतिष्ठा और जीवन को बर्बाद कर दिया।
8. कहानी “रस्सी का टुकड़ा” का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर : कहानी “रस्सी का टुकड़ा” का मुख्य संदेश यह है कि समाज में झूठे आरोप और अविश्वास किसी व्यक्ति की मानसिक शांति और प्रतिष्ठा को नष्ट कर सकते हैं। यह कहानी दिखाती है कि सत्य के अभाव में अफवाहें कैसे निर्दोष व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर देती हैं। ईमानदारी का महत्व और समाज की जिम्मेदारी को इस कहानी के माध्यम से प्रमुखता से उजागर किया गया है।
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