Short Questions with Answers
1. पर्यावरण का क्या अर्थ है?
उत्तर : पर्यावरण में हमारे चारों ओर की प्राकृतिक और मानव निर्मित चीजें शामिल होती हैं।
2. पारिस्थितिकी क्या है?
उत्तर : पारिस्थितिकी वह जाल है जिसमें भौतिक और जैविक प्रक्रियाएँ होती हैं।
3. किसी वस्तु का स्रोत क्या होता है?
उत्तर : किसी भी वस्तु का स्रोत प्रकृति के संसाधन होते हैं।
4. समाज में पर्यावरण का क्या महत्व है?
उत्तर : पर्यावरण समाज के विकास और संरचना को आकार देता है।
5. प्राकृतिक संसाधन कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर : जल, मिट्टी, वायु, वन और खनिज प्राकृतिक संसाधन हैं।
6. मनुष्य के कारण कौन सी पर्यावरणीय समस्या बढ़ रही है?
उत्तर : जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग मनुष्य के कारण बढ़ रही समस्याएँ हैं।
7. पर्यावरण में बदलाव के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर : प्राकृतिक और मानवीय हस्तक्षेप पर्यावरण में बदलाव के मुख्य कारण हैं।
8. सामाजिक संरचना क्या होती है?
उत्तर : सामाजिक संरचना समाज के विभिन्न भागों के बीच संबंधों का निर्माण करती है।
9. पारिस्थितिक संकट का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर : मानवीय हस्तक्षेप और संसाधनों का अत्यधिक उपयोग पारिस्थितिक संकट का मुख्य कारण है।
10. ग्लोबल वार्मिंग कैसे होती है?
उत्तर : ग्लोबल वार्मिंग ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के कारण होती है।
11. जल प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर : घरेलू कचरा, औद्योगिक कचरा और कृषि रसायन जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
12. शहरों में ध्वनि प्रदूषण का स्रोत क्या है?
उत्तर : वाहनों के हॉर्न, लाउडस्पीकर और निर्माण कार्य ध्वनि प्रदूषण के स्रोत हैं।
13. पर्यावरणीय समस्याओं का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : भोपाल गैस त्रासदी पर्यावरणीय समस्या का एक बड़ा उदाहरण है।
14. वनस्पति और जीव-जंतुओं का संरक्षण क्यों जरूरी है?
उत्तर : पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए उनका संरक्षण जरूरी है।
15. पर्यावरण और समाज के बीच क्या संबंध है?
उत्तर : पर्यावरण और समाज के बीच गहरा पारस्परिक संबंध है।
16. सतत विकास क्या है?
उत्तर : सतत विकास ऐसा विकास है जो वर्तमान और भविष्य की जरूरतों में संतुलन बनाए।
17. औद्योगिकीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : औद्योगिकीकरण ने प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन को बढ़ावा दिया है।
18. मानव निर्मित पर्यावरण क्या है?
उत्तर : इमारतें, सड़कें और औद्योगिक ढांचे मानव निर्मित पर्यावरण के उदाहरण हैं।
19. पर्यावरण का कौन सा भाग मानव हस्तक्षेप से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है?
उत्तर : वायुमंडल और जलमंडल मानव हस्तक्षेप से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
20. पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर : प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास की ओर ध्यान देना चाहिए।
Medium Questions with Answers
1. पर्यावरण और समाज के बीच क्या संबंध है?
उत्तर : पर्यावरण और समाज के बीच गहरा संबंध है क्योंकि पर्यावरण समाज की संरचना और संस्कृति को प्रभावित करता है। जैसे, नदियाँ और पहाड़ लोगों के जीवन को आकार देते हैं। वहीं, समाज अपने उपयोग और विकास के लिए पर्यावरण को बदलता है। यह संबंध परस्पर निर्भरता और जटिलता को दर्शाता है।
2. पारिस्थितिकी का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर : पारिस्थितिकी यह तय करती है कि किसी स्थान पर लोग कैसे रहेंगे और क्या संसाधन उपलब्ध होंगे। उदाहरण के लिए, मरुस्थल में रहने वाले लोग पानी की कमी और गर्मी के अनुसार जीवन जीते हैं। इसके विपरीत, उपजाऊ मैदानों में कृषि और स्थायी बस्तियाँ बनती हैं। पारिस्थितिकी समाज की संस्कृति और गतिविधियों को प्रभावित करती है।
3. पर्यावरणीय समस्याओं का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर : पर्यावरणीय समस्याओं का मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग और मानवीय हस्तक्षेप है। उदाहरण के लिए, वनों की कटाई बाढ़ और जलवायु परिवर्तन को बढ़ाती है। साथ ही, औद्योगिकीकरण और प्रदूषण पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। यह समस्याएँ प्राकृतिक और सामाजिक असंतुलन पैदा करती हैं।
4. ग्लोबल वार्मिंग का क्या प्रभाव है?
उत्तर : ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी का तापमान बढ़ता है, जिससे ध्रुवों की बर्फ पिघलती है और समुद्र का स्तर बढ़ता है। इससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ता है। जलवायु परिवर्तन के कारण अनियमित मौसम और कृषि पर भी असर पड़ता है। यह वैश्विक समस्या है जो सभी देशों को प्रभावित करती है।
5. संसाधनों की कमी समाज को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर : संसाधनों की कमी समाज में असमानता और संघर्ष को जन्म देती है। जैसे, पानी और जमीन की कमी से गरीब किसानों को नुकसान होता है। यह स्थिति सामाजिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता बढ़ाती है। प्राकृतिक संसाधनों का सही प्रबंधन समाज को स्थिरता प्रदान कर सकता है।
6. औद्योगीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : औद्योगीकरण से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है और प्रदूषण बढ़ता है। यह जल, वायु और भूमि को प्रदूषित करता है और जैव विविधता को नुकसान पहुँचाता है। औद्योगिक कचरे और रसायनों से जलवायु परिवर्तन को भी बल मिलता है। इससे पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाता है।
7. मानव निर्मित पर्यावरण क्या है?
उत्तर : मानव निर्मित पर्यावरण वह है जो मनुष्य द्वारा बनाया गया है, जैसे शहर, कारखाने और सड़के। यह प्राकृतिक पर्यावरण को बदलकर बनाया जाता है। यह संसाधनों के अत्यधिक उपयोग का परिणाम है। मानव निर्मित पर्यावरण अक्सर प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ता है।
8. पर्यावरणीय असमानता क्या है?
उत्तर : पर्यावरणीय असमानता तब होती है जब समाज के कुछ वर्गों को संसाधनों तक पहुँच नहीं मिलती। जैसे, गरीब वर्ग जल और जंगल पर निर्भर होता है, लेकिन उनके पास इनका अधिकार नहीं होता। वहीं, अमीर वर्ग इन संसाधनों का लाभ उठाते हैं। यह स्थिति सामाजिक असंतुलन को बढ़ाती है।
9. सतत विकास का क्या अर्थ है?
उत्तर : सतत विकास वह है जिसमें वर्तमान की जरूरतों को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है। इसमें पर्यावरण का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग शामिल है। यह आर्थिक, सामाजिक और पारिस्थितिक संतुलन पर आधारित है।
10. पर्यावरणीय संकट के कारण क्या हैं?
उत्तर : पर्यावरणीय संकट के कारणों में वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों का अति-उपयोग शामिल है। औद्योगीकरण और शहरीकरण ने इन संकटों को बढ़ाया है। यह संकट सामाजिक और आर्थिक समस्याएँ भी पैदा करते हैं।
11. विकास और पर्यावरण के बीच क्या संबंध है?
उत्तर : विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन आवश्यक है। अति-विकास से पर्यावरणीय समस्याएँ बढ़ती हैं, जैसे प्रदूषण और संसाधनों की कमी। सतत विकास इस संतुलन को बनाए रखने का प्रयास करता है। यह दोनों के बीच परस्पर निर्भरता को दर्शाता है।
12. प्राकृतिक आपदाओं में मानवीय हस्तक्षेप का क्या प्रभाव है?
उत्तर : मानवीय हस्तक्षेप प्राकृतिक आपदाओं को और गंभीर बना देता है। जैसे, नदियों के पास वनों की कटाई से बाढ़ का खतरा बढ़ता है। जलवायु परिवर्तन भी मानव क्रियाओं से तेज होता है। इन आपदाओं से समाज और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुँचता है।
13. पूँजीवाद का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : पूँजीवाद ने प्रकृति को एक वस्तु बना दिया है जिसे खरीदा और बेचा जा सकता है। यह संसाधनों के अत्यधिक उपयोग और असमान वितरण को बढ़ावा देता है। इससे पर्यावरणीय समस्याएँ, जैसे प्रदूषण और जैव विविधता की कमी, बढ़ती हैं।
14. पर्यावरणीय न्याय का क्या अर्थ है?
उत्तर : पर्यावरणीय न्याय का मतलब है कि हर वर्ग को संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण का समान अधिकार मिले। यह सामाजिक असमानता और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य सभी के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
15. जलवायु परिवर्तन का समाज पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : जलवायु परिवर्तन से फसल उत्पादन, जल आपूर्ति और मानव जीवन प्रभावित होता है। इससे गरीबी और भूख बढ़ती है। साथ ही, प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे बाढ़ और सूखा, समाज को कमजोर बनाती हैं। यह विकास को भी धीमा करता है।
Long Questions with Answers
1. पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण और प्रभाव क्या हैं?
उत्तर : पर्यावरणीय प्रदूषण के मुख्य कारण औद्योगिक कचरा, वाहनों का धुआँ, और वनों की कटाई हैं। ये जल, वायु और मिट्टी को प्रदूषित करते हैं और ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाते हैं। प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य प्रभावित होता है और जैव विविधता कम होती है। यह प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ता है और पर्यावरणीय संकट को बढ़ावा देता है।
2. मानव और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर : मानव और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सतत विकास जरूरी है। प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग और संरक्षण करना आवश्यक है। स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कठोर नीतियाँ लागू करनी चाहिए। जागरूकता बढ़ाकर समाज को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाया जा सकता है।
3. सतत विकास क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर : सतत विकास वर्तमान की जरूरतों को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखता है। यह पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बनाए रखता है। प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग और संरक्षण इसमें मुख्य है। यह सामाजिक और पर्यावरणीय असंतुलन को कम करता है और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करता है।
4. जल संकट का कारण और समाधान क्या है?
उत्तर : जल संकट का मुख्य कारण पानी का अत्यधिक उपयोग, बर्बादी, और वनों की कटाई है। भूजल स्तर में गिरावट और जल स्रोतों का प्रदूषण समस्या को बढ़ाते हैं। जल संरक्षण, पुनर्चक्रण, और वर्षा जल संग्रहण जैसे उपाय इसके समाधान में मदद कर सकते हैं। समाज में जल के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना जरूरी है।
5. औद्योगीकरण और शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : औद्योगीकरण और शहरीकरण ने प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। वनों की कटाई, जल और वायु प्रदूषण, और जैव विविधता की कमी इसके प्रमुख परिणाम हैं। शहरीकरण से भूमि उपयोग बदलता है, जिससे कृषि भूमि और जल स्रोतों पर दबाव बढ़ता है। यह पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु परिवर्तन का कारण बनता है।
6. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर : प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण समाज और पर्यावरण दोनों के लिए जरूरी है। संसाधनों का अति-उपयोग जैव विविधता की कमी और पर्यावरणीय समस्याएँ बढ़ाता है। संरक्षण से भविष्य की पीढ़ियों को इन संसाधनों का लाभ मिल सकता है। यह सतत विकास और पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
7. ग्लोबल वार्मिंग का समाज और पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
उत्तर : ग्लोबल वार्मिंग के कारण ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन से फसल उत्पादन, जल आपूर्ति और पारिस्थितिकी प्रभावित होती है। तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और सूखा जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। यह मानव जीवन और पर्यावरणीय संतुलन दोनों के लिए खतरा है।
8. वनों की कटाई के पर्यावरण और समाज पर क्या प्रभाव हैं?
उत्तर : वनों की कटाई से बाढ़, भूमि कटाव, और जैव विविधता में कमी होती है। यह पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देता है। वनों के बिना आदिवासी और स्थानीय समुदायों का जीवन कठिन हो जाता है। वनों का संरक्षण पर्यावरणीय स्थिरता और समाज की भलाई के लिए आवश्यक है।
9. पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तर : पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए सतत विकास की नीतियाँ अपनानी चाहिए। वनों का संरक्षण, पुनर्चक्रण, और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग मददगार हो सकता है। औद्योगिक और शहरी प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े नियम लागू करने चाहिए। जागरूकता अभियान और शिक्षा से समाज को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाया जा सकता है।
10. विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है?
उत्तर : विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन सतत विकास से बनाया जा सकता है। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सही उपयोग इसमें मदद करता है। स्वच्छ ऊर्जा और पुनर्नवीनीकरण के उपाय अपनाने चाहिए। सामाजिक और पर्यावरणीय नीतियों के तालमेल से दीर्घकालिक संतुलन संभव है।
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