छोटे महत्वपूर्ण प्रश्न
1. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 1886 में चिरगाँव, झाँसी, उत्तर प्रदेश में हुआ।
2. मैथिलीशरण गुप्त को किस उपाधि से सम्मानित किया गया?
उत्तर: उन्हें “राष्ट्रकवि” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
3. “झंकार” कविता किस काव्य संग्रह से ली गई है?
उत्तर: यह कविता मैथिलीशरण गुप्त के संकलन “झंकार” से ली गई है।
4. गुप्त जी की शिक्षा कैसे हुई?
उत्तर: गुप्त जी ने स्वाध्याय के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की।
5. मैथिलीशरण गुप्त की प्रमुख कृतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी प्रमुख कृतियाँ “साकेत,” “भारत-भारती,” “यशोधरा,” “पंचवटी,” और “झंकार” हैं।
6. “झंकार” कविता में कवि ने अपने शरीर की तुलना किससे की है?
उत्तर: कवि ने अपने शरीर की तुलना वीणा के तारों से की है।
7. “झंकार” कविता का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: इसका केंद्रीय भाव स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्रीय चेतना है।
8. मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं?
उत्तर: वह द्विवेदी युग के प्रमुख कवि हैं।
9. गुप्त जी के साहित्य पर किस महापुरुष का प्रभाव था?
उत्तर: उनके साहित्य पर महात्मा गांधी का गहरा प्रभाव था।
10. “झंकार” कविता में कवि किससे प्रहार करने के लिए कहते हैं?
उत्तर: कवि नियति और संघर्ष से प्रहार करने के लिए कहते हैं।
11. गुप्त जी ने खड़ी बोली को क्या प्रदान किया?
उत्तर: उन्होंने खड़ी बोली को काव्य भाषा का स्वरूप प्रदान किया।
12. “झंकार” कविता में “तान” का क्या अर्थ है?
उत्तर: “तान” का अर्थ है देशभक्ति और संघर्ष का स्वर।
13. मैथिलीशरण गुप्त ने “साकेत” में किस नारी पात्र पर ध्यान केंद्रित किया?
उत्तर: उन्होंने उर्मिला के चरित्र पर ध्यान केंद्रित किया।
14. “झंकार” कविता में कवि किस प्रकार की झंकार की बात करते हैं?
उत्तर: कवि संघर्ष और आत्मसमर्पण की झंकार की बात करते हैं।
15. गुप्त जी ने किन भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया था?
उत्तर: उन्होंने हिंदी, संस्कृत, बंगला और उर्दू का ज्ञान प्राप्त किया था।
16. मैथिलीशरण गुप्त का निधन कब हुआ?
उत्तर: उनका निधन 1964 में हुआ।
17. “झंकार” कविता में कवि ने प्रकृति को किस रूप में देखा है?
उत्तर: कवि ने प्रकृति को संघर्ष और सामंजस्य के प्रतीक के रूप में देखा है।
18. गुप्त जी की कौन-सी रचना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है?
उत्तर: उनकी रचना “भारत-भारती” स्वतंत्रता संग्राम से गहराई से जुड़ी है।
19. “झंकार” कविता में कवि किस प्रकार की गूँज की बात करते हैं?
उत्तर: कवि संघर्ष और देशभक्ति की गहरी गूँज की बात करते हैं।
20. मैथिलीशरण गुप्त ने कौन-से युग की काव्य परंपरा को पुनर्जीवित किया?
उत्तर: उन्होंने प्रबंध काव्य की परंपरा को पुनर्जीवित किया।
मध्यम महत्वपूर्ण प्रश्न
1. मैथिलीशरण गुप्त को “राष्ट्रकवि” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: मैथिलीशरण गुप्त ने “भारत-भारती” जैसी कृतियों के माध्यम से देशभक्ति का संदेश दिया। उनकी कविताएँ राष्ट्रीय चेतना और स्वाधीनता आंदोलन से गहराई से जुड़ी थीं। उन्होंने हिंदी साहित्य में राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत किया।
2. कविता “झंकार” का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: “झंकार” कविता का केंद्रीय भाव स्वाधीनता संग्राम और आत्मसमर्पण है। कवि ने इसे संघर्ष की प्रेरणा और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया। यह देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है।
3. “झंकार” में कवि ने सुरों को सजीव-साकार होने की बात क्यों कही है?
उत्तर: कवि ने सुरों को सजीव-साकार बताया क्योंकि वे राष्ट्रीयता और एकता का प्रतीक हैं। इन सुरों के माध्यम से कवि समाज और प्रकृति को प्रेरित करना चाहते हैं। यह स्वाधीनता संग्राम की आवाज को दर्शाता है।
4. मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में भारतीय नारी का चित्रण कैसे हुआ है?
उत्तर: गुप्त जी ने नारी पात्रों के त्याग और सहनशीलता को उभारा। “साकेत” में उर्मिला और “यशोधरा” में बुद्ध की पत्नी के मार्मिक चित्रण द्वारा उन्होंने नारी के योगदान को उजागर किया। यह साहित्यिक न्याय का उदाहरण है।
5. “झंकार” कविता का स्वाधीनता आंदोलन से क्या संबंध है?
उत्तर: “झंकार” कविता स्वाधीनता आंदोलन की भावना को व्यक्त करती है। इसमें संघर्ष, बलिदान और आत्मसमर्पण के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया गया है। यह आंदोलन के उद्देश्यों का प्रतीक है।
6. मैथिलीशरण गुप्त ने किस प्रकार खड़ी बोली को काव्य भाषा बनाया?
उत्तर: गुप्त जी ने खड़ी बोली में काव्य रचना कर इसे साहित्यिक रूप दिया। उन्होंने इसे राष्ट्रीयता और आधुनिक विचारधारा व्यक्त करने का माध्यम बनाया। इससे हिंदी काव्य में एक नई दिशा आई।
7. “झंकार” कविता में “प्रहार” शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: “प्रहार” का अर्थ यहाँ संघर्ष और त्याग के प्रतीक के रूप में है। कवि इसे देशभक्ति और बलिदान की भावना से जोड़ते हैं। यह स्वाधीनता संग्राम की प्रेरणा को दर्शाता है।
8. मैथिलीशरण गुप्त का साहित्यिक योगदान क्या है?
उत्तर: गुप्त जी ने महाकाव्य, खंडकाव्य और गीतात्मक रचनाएँ लिखीं। उन्होंने “साकेत,” “भारत-भारती,” और “यशोधरा” जैसी कृतियों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनका साहित्य राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत है।
9. “झंकार” कविता में प्रकृति और नियति का क्या महत्व है?
उत्तर: कविता में प्रकृति और नियति को संघर्ष और सामंजस्य के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह जीवन के उतार-चढ़ाव और देशभक्ति की भावना को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है।
10. मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में छायावाद का प्रभाव कैसे दिखता है?
उत्तर: गुप्त जी के काव्य में छायावाद की भावुकता और कल्पना दिखाई देती है। “झंकार” में प्रकृति, स्वाधीनता और मानवीय संवेदनाएँ छायावादी शैली में प्रस्तुत हैं। यह यथार्थ और कल्पना का सुंदर मिश्रण है।
लंबे महत्वपूर्ण प्रश्न
1. मैथिलीशरण गुप्त ने “साकेत” में उर्मिला का चित्रण क्यों किया?
उत्तर: “साकेत” में उर्मिला का चित्रण यह दर्शाने के लिए किया गया कि वह रामकथा का उपेक्षित पात्र है। गुप्त जी ने उर्मिला के त्याग और सहनशीलता को उजागर किया। उन्होंने नारी के योगदान को साहित्यिक न्याय दिया। यह कृति नारी सम्मान और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।
2. “झंकार” कविता में कवि ने अपने शरीर को वीणा के तारों से क्यों जोड़ा है?
उत्तर: कवि ने अपने शरीर को वीणा के तारों से जोड़कर देशभक्ति का प्रतीक बनाया। यह संघर्ष और त्याग की भावना को व्यक्त करता है। वह इसे राष्ट्रीय चेतना के जागरण का माध्यम मानते हैं। यह कविता बलिदान और प्रेरणा का संदेश देती है।
3. मैथिलीशरण गुप्त की रचनाओं में राष्ट्रवाद की भावना कैसे प्रकट होती है?
उत्तर: गुप्त जी की रचनाएँ राष्ट्रीय चेतना और स्वाधीनता आंदोलन से प्रेरित थीं। “भारत-भारती” और “झंकार” जैसी कविताओं में उन्होंने देशभक्ति और त्याग का संदेश दिया। उनकी कृतियाँ भारतीय संस्कृति और गौरव को उभारती हैं। यह साहित्य में राष्ट्रवाद का प्रतीक है।
4. “झंकार” कविता में “तान” और “ताल” का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?
उत्तर: “तान” और “ताल” संघर्ष और सामंजस्य का प्रतीक हैं। कवि ने इन्हें स्वाधीनता संग्राम की लय और एकता से जोड़ा है। यह देशभक्ति और प्रेरणा का स्रोत है। कविता में संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया गया है।
5. मैथिलीशरण गुप्त के साहित्य पर महात्मा गांधी का क्या प्रभाव था?
उत्तर: गुप्त जी के साहित्य में गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव दिखता है। उन्होंने स्वदेश प्रेम, त्याग, और अहिंसा जैसे मूल्यों को अपनी कविताओं में उभारा। उनकी रचनाएँ स्वाधीनता आंदोलन के उद्देश्यों से गहराई से जुड़ी थीं।
6. “झंकार” कविता में संघर्ष और आत्मसमर्पण की भावना कैसे व्यक्त होती है?
उत्तर: “झंकार” कविता में कवि ने संघर्ष और आत्मसमर्पण को सुरों के माध्यम से व्यक्त किया। उन्होंने इसे बलिदान और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया। यह कविता स्वाधीनता संग्राम की प्रेरणा और समर्पण का संदेश देती है।
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