लंबे महत्वपूर्ण प्रश्न


1. कृष्ण कुमार का शिक्षा दर्शन भारतीय समाज को कैसे प्रभावित करता है?

  • कृष्ण कुमार का शिक्षा दर्शन भारतीय समाज की वास्तविकताओं और जरूरतों पर आधारित है। वे शिक्षा को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संदर्भों से जोड़कर देखते हैं। उनके अनुसार, शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को उनके परिवेश से जोड़ना और आत्मनिर्भर बनाना है। यह भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों को भी मजबूत करता है।

2. ‘कमारा ल्ये’ की आत्मकथा का मुख्य संदेश क्या है?

  • यह आत्मकथा बताती है कि शिक्षा व्यक्ति को उसके परिवार और समाज से अलग कर सकती है। कमारा की माँ ने इसी डर से उसे पढ़ाने का विरोध किया। यह कहानी शिक्षा के सामाजिक चरित्र और बच्चों के समाज से कटाव को उजागर करती है। यह ग्रामीण समाज की चिंताओं को गहराई से प्रस्तुत करती है।

3. गाँधीजी की बुनियादी शिक्षा किस प्रकार प्रासंगिक है?

  • गाँधीजी की बुनियादी शिक्षा में हाथ का काम, स्थानीय परिवेश, और संगठित ज्ञान का महत्व बताया गया है। यह शिक्षा बच्चों को आत्मनिर्भर और समाज से जोड़ने में मदद करती है। आज की शिक्षा प्रणाली में इसे अपनाने से बच्चों के बीच मूल्य और स्वायत्तता विकसित हो सकती है। यह ग्रामीण और शहरी शिक्षा के अंतर को पाटने में भी सहायक है।

4. पंचायती राज और प्राथमिक शिक्षा का क्या संबंध है?

  • पंचायती राज शिक्षा के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म दे सकता है। इससे स्थानीय समस्याओं को हल किया जा सकता है और बच्चों को उनके परिवेश से जोड़ने में मदद मिलती है। लेकिन, पंचायतों को पर्याप्त अधिकार नहीं मिलने से यह प्रक्रिया बाधित होती है। पंचायतों को स्वायत्तता देने से शिक्षा सुधार में तेजी आ सकती है।

5. शिक्षा के माध्यम से समाज में असमानता क्यों बढ़ रही है?

  • शिक्षा की वर्तमान प्रणाली समाज के शासक वर्गों के विचारों को बढ़ावा देती है। यह गाँव और गरीब बच्चों को उनके परिवेश से काटती है। शिक्षित बच्चे अपने समाज को दोयम दर्जे का समझने लगते हैं। इस कारण शिक्षा असमानता को बढ़ाने वाला एक अस्त्र बन जाती है।

6. हरित क्रांति ने ग्रामीण शिक्षा को कैसे प्रभावित किया?

  • हरित क्रांति के कारण गाँवों में गरीबी और असमानता बढ़ी। नकदी फसलों ने गाँव की भूमि को अनुर्वर बना दिया। ग्रामीण परिवेश में शिक्षा इन समस्याओं का समाधान करने में विफल रही। इससे शिक्षा और पर्यावरण दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

7. प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?

  • शिक्षक बच्चों के जीवन में शिक्षा का पहला माध्यम होते हैं। लेकिन, उनकी स्थिति और वेतन खराब होने से वे निराश हो जाते हैं। शिक्षक अपनी समस्याओं के चलते बच्चों पर गुस्सा निकालते हैं। अगर उनकी स्थिति सुधारी जाए, तो वे शिक्षा प्रणाली में सुधार ला सकते हैं।

8. विदेशी धन का प्राथमिक शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ा है?

  • विदेशी धन का बड़ा हिस्सा गैर-जरूरी खर्चों में व्यय हो रहा है। बहुत कम धन स्कूलों और बच्चों तक पहुँच पाता है। इससे शिक्षा में भ्रष्टाचार बढ़ा है और महिलाओं पर हिंसा भी बढ़ी है। यह धन शिक्षा प्रणाली को सुधारने के बजाय उसे कमजोर बना रहा है।

9. प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में क्या खामियाँ हैं?

  • पाठ्यक्रम ग्रामीण समाज के जीवन को अनदेखा करता है। इसमें गाँव के जीवन को या तो नकारात्मक रूप में दिखाया जाता है या रोमांटिक अंदाज में। यह बच्चों को उनके परिवेश से दूर कर देता है। इसके कारण गाँव के बच्चे अपने समाज से कटने लगते हैं।

10. आज की शिक्षा प्रणाली और गाँधीजी की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है?

  • आज की शिक्षा प्रणाली बच्चों को समाज से काटकर वैश्विक सोच विकसित करती है। यह रोजगार पर अधिक केंद्रित है। गाँधीजी की शिक्षा प्रणाली बच्चों को आत्मनिर्भर और समाज से जोड़ने वाली थी। यह जीवन और शिक्षा के बीच संतुलन स्थापित करती है।

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