Modern English
आधुनिक अंग्रेजी का परिचय
सारांश: आधुनिक अंग्रेजी 15वीं सदी से लेकर अब तक की अंग्रेजी भाषा को संदर्भित करती है। पिछले 500 वर्षों में सामाजिक, तकनीकी और राजनीतिक विकास के कारण इस अवधि को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है: आधुनिक अंग्रेजी I और II।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि कैसे आधुनिक अंग्रेजी को समय के साथ बदलते सामाजिक, तकनीकी और राजनीतिक परिवर्तनों के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। यह भी बताया गया है कि पिछले 500 वर्षों में जो बदलाव आए हैं, उन्होंने अंग्रेजी भाषा के उपयोग और संरचना को प्रभावित किया है।
वैश्विक प्रभाव
सारांश: अंग्रेजी ने खुद को अंतर्राष्ट्रीय संपर्क भाषा के रूप में स्थापित किया है और इसे संयुक्त राष्ट्र (UNO), WHO, IMF, SAARC, ILO जैसे वैश्विक मंचों पर व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। भारत में भी अंग्रेजी का आधिकारिक, सामाजिक और वाणिज्यिक संदर्भों में महत्वपूर्ण योगदान है।
व्याख्या: इस पैराग्राफ में अंग्रेजी भाषा के वैश्विक प्रभाव पर जोर दिया गया है। यह बताया गया है कि कैसे अंग्रेजी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में एक आधिकारिक भाषा के रूप में अपनी जगह बनाई है और भारत में भी इसका व्यापक उपयोग हो रहा है।
अंग्रेजी में महारत हासिल करने की आवश्यकता
सारांश: जैसे-जैसे चीन, जापान, कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में अंग्रेजी सिखाई जा रही है, भारतीय छात्रों को भी अंग्रेजी में महारत हासिल करनी होगी ताकि वे वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धा बनाए रख सकें।
व्याख्या: यह पैराग्राफ इस बात पर प्रकाश डालता है कि वैश्विक प्रतियोगिता में बने रहने के लिए भारतीय छात्रों के लिए अंग्रेजी सीखना और उसमें महारत हासिल करना कितना महत्वपूर्ण है। यह भी बताया गया है कि अन्य देशों में भी अंग्रेजी को गंभीरता से सिखाया और सीखा जा रहा है।
आधुनिक अंग्रेजी I का विकास
सारांश: 1476 में मुद्रण प्रौद्योगिकी के परिचय ने अंग्रेजी वर्तनी और उच्चारण को मानकीकृत करने में मदद की। इस तकनीकी विकास ने साक्षरता बढ़ाई और लोगों को अपनी रचनाओं को व्यापक रूप से प्रसारित करने के अधिक अवसर प्रदान किए।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि कैसे मुद्रण तकनीक के आगमन ने अंग्रेजी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके माध्यम से वर्तनी और उच्चारण को मानकीकृत किया गया और साहित्यिक सामग्री की व्यापक पहुंच संभव हुई।
साक्षरता और साहित्य
सारांश: 17वीं और 18वीं सदी तक इंग्लैंड में पढ़ने वाली जनता की संख्या में काफी वृद्धि हुई, जिससे भाषा के विस्तार और विकास में मदद मिली। इंग्लैंड के समुद्री शक्ति के रूप में उभरने, ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार, और वाणिज्य, उद्योग, और संचार के विकास ने अंग्रेजी भाषा के विकास को और भी प्रोत्साहन दिया।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि कैसे 17वीं और 18वीं सदी में साक्षरता में वृद्धि और इंग्लैंड के समुद्री शक्ति के रूप में उभरने से अंग्रेजी भाषा के विकास को गति मिली। साथ ही, ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और वाणिज्य, उद्योग, और संचार के विकास ने भी अंग्रेजी के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुनर्जागरण और सुधार का प्रभाव
सारांश: पुनर्जागरण और सुधार ने अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव डाला, जिससे नई विचारधाराओं और अभिव्यक्तियों का समावेश हुआ।
व्याख्या: इस पैराग्राफ में बताया गया है कि पुनर्जागरण और सुधार जैसी ऐतिहासिक घटनाओं ने अंग्रेजी भाषा को नए विचारों और अभिव्यक्तियों से समृद्ध किया। ये घटनाएं भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुईं।
शब्दावली का विस्तार
सारांश: तेजी से हो रहे बदलावों के कारण अंग्रेजी में नई विचारों और तकनीकों को व्यक्त करने के लिए शब्दावली में शब्दों की कमी महसूस की गई। इस कमी को पूरा करने के लिए अंग्रेजी ने लैटिन, फ्रेंच, ग्रीक, इतालवी, स्पेनिश और अन्य भाषाओं से शब्द उधार लिए।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि कैसे अंग्रेजी ने अपनी शब्दावली को समृद्ध करने के लिए विभिन्न भाषाओं से शब्दों को उधार लिया। समाज और प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलावों ने अंग्रेजी में नई शब्दावली की आवश्यकता को जन्म दिया, जिसे अन्य भाषाओं से शब्द लेकर पूरा किया गया।
आधुनिक अंग्रेजी I का व्याकरण
सारांश: प्रारंभिक आधुनिक अंग्रेजी की शब्दावली में तेजी से बदलाव हुए, लेकिन इसका व्याकरण काफी हद तक रूढ़िवादी रहा। इस अवधि का व्याकरण मुख्य रूप से कुछ पुराने प्रयोगों और विशेषताओं के जीवित रहने से चिन्हित होता है।
व्याख्या: यह पैराग्राफ इस बात को स्पष्ट करता है कि कैसे आधुनिक अंग्रेजी I के दौरान व्याकरण में ज्यादा बदलाव नहीं हुए। यह अधिकतर पुराने नियमों और विशेषताओं को बनाए रखते हुए विकसित हुआ, जिससे आज भी इस अवधि के पाठों को समझना आसान है।
प्रभावशाली लेखक
सारांश: इस अवधि के दौरान कई प्रभावशाली लेखकों ने अंग्रेजी भाषा को सरल और लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें विलियम शेक्सपियर, एडमंड स्पेंसर, क्रिस्टोफर मार्लो, और फ्रांसिस बेकन जैसे लेखक शामिल हैं।
व्याख्या: यह पैराग्राफ उन लेखकों के बारे में बताता है जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से अंग्रेजी भाषा को समृद्ध और व्यापक बनाने में योगदान दिया। इन लेखकों की रचनाएँ आज भी अंग्रेजी साहित्य में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
ऑगस्टन युग (18वीं सदी)
सारांश: 18वीं सदी को ऑगस्टन युग के रूप में जाना जाता है, जो भाषा में व्यवस्था और विनियमन की भावना के लिए प्रसिद्ध है। इस युग में व्याकरण पुस्तकों और शब्दकोशों के प्रकाशन की आवश्यकता महसूस की गई, ताकि वर्तनी और व्याकरण को मानकीकृत किया जा सके।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि 18वीं सदी में अंग्रेजी भाषा में अधिक नियम और विनियमन लाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके परिणामस्वरूप, व्याकरण और शब्दकोशों के प्रकाशन ने भाषा को अधिक व्यवस्थित और मानकीकृत किया।
डॉ. सैमुअल जॉनसन का शब्दकोश
सारांश: 1755 में डॉ. सैमुअल जॉनसन ने ए डिक्शनरी ऑफ द इंग्लिश लैंग्वेज प्रकाशित किया, जिसमें 40,000 से अधिक शब्द और उनके अर्थ शामिल थे।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि डॉ. सैमुअल जॉनसन का शब्दकोश अंग्रेजी भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस शब्दकोश ने अंग्रेजी के शब्दों और उनके अर्थों को व्यवस्थित और मानकीकृत करने में मदद की।
18वीं सदी की व्याकरण पुस्तकों
सारांश: 18वीं सदी में कई महत्वपूर्ण व्याकरण पुस्तकों का प्रकाशन हुआ, जिनका उद्देश्य अंग्रेजी वाक्य संरचना के नियमों को संहिताबद्ध करना और सही उपयोग के लिए नियम निर्धारित करना था।
व्याख्या: इस पैराग्राफ में बताया गया है कि 18वीं सदी में प्रकाशित व्याकरण पुस्तकों ने अंग्रेजी भाषा के व्याकरण को स्थिर और मानकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन पुस्तकों ने वर्तमान में उपयोग होने वाले कई नियमों की नींव रखी।
निष्कर्ष और आधुनिक अंग्रेजी II की ओर संक्रमण
सारांश: 18वीं सदी के व्याकरणविदों ने भाषा में व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की, विशेष रूप से एक विस्तार और प्रयोग की अवधि के बाद। इसके बाद अंग्रेजी भाषा ने ब्रिटिश द्वीपों से बाहर निकलकर वैश्विक स्तर पर अपना प्रसार किया, जिससे आधुनिक अंग्रेजी II की शुरुआत हुई।
व्याख्या: यह पैराग्राफ बताता है कि कैसे 18वीं सदी के बाद अंग्रेजी भाषा ने ब्रिटिश द्वीपों से निकलकर दुनिया के अन्य हिस्सों में अपना विस्तार किया। इस विस्तार ने अंग्रेजी को एक वैश्विक भाषा बना दिया, और आधुनिक अंग्रेजी II की शुरुआत हुई।
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