Important Questions For All Chapters – भूगोल Class 11
Short Questions with Answers
1. पृथ्वी की त्रिज्या कितनी है?
उत्तर : पृथ्वी की त्रिज्या 6,370 किलोमीटर है।
2. पृथ्वी के आंतरिक भाग को किस आधार पर समझा जाता है?
उत्तर : पृथ्वी के आंतरिक भाग को अप्रत्यक्ष प्रमाणों के आधार पर समझा जाता है।
3. ज्वालामुखी से कौन-कौन से पदार्थ निकलते हैं?
उत्तर : ज्वालामुखी से लावा, राख, गैसें, धूलकण, और ज्वालामुखी बम निकलते हैं।
4. भूकंप का उद्गम केंद्र क्या कहलाता है?
उत्तर : भूकंप का उद्गम केंद्र फोकस (Hypocenter) कहलाता है।
5. भूकंप मापने का यंत्र क्या कहलाता है?
उत्तर : भूकंप मापने का यंत्र सिस्मोग्राफ (Seismograph) कहलाता है।
6. धरातलीय तरंगें कैसे उत्पन्न होती हैं?
उत्तर : धरातलीय तरंगें भूपर्पटी और भूगर्भीय तरंगों की क्रियाओं से उत्पन्न होती हैं।
7. गुरुत्व विसंगति क्या है?
उत्तर : गुरुत्व विसंगति गुरुत्वाकर्षण बल में स्थानीय भिन्नताओं को कहते हैं।
8. भूपर्पटी की औसत मोटाई महासागरों के नीचे कितनी होती है?
उत्तर : महासागरों के नीचे भूपर्पटी की औसत मोटाई 5 किलोमीटर होती है।
9. भूकंपीय तरंगें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर : भूकंपीय तरंगें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं – भूगर्भीय और धरातलीय।
10. लावा मैंटल के किस भाग से निकलता है?
उत्तर : लावा दुर्बलतामंडल (Asthenosphere) से निकलता है।
11. ‘निफे’ परत किन पदार्थों से बनी है?
उत्तर : ‘निफे’ परत निकिल और लोहे से बनी है।
12. शील्ड ज्वालामुखी का प्रमुख उदाहरण क्या है?
उत्तर : हवाई द्वीप का ज्वालामुखी शील्ड ज्वालामुखी का प्रमुख उदाहरण है।
13. सिल और डाइक में क्या अंतर है?
उत्तर : सिल क्षैतिज जमाव है, जबकि डाइक लगभग समकोण पर जमाव बनता है।
14. भूकंप की तीव्रता किस पर मापी जाती है?
उत्तर : भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है।
15. ज्वालामुखी कुंड किस प्रकार के ज्वालामुखी हैं?
उत्तर : ज्वालामुखी कुंड सबसे अधिक विस्फोटक ज्वालामुखी हैं।
16. मध्य महासागरीय कटक क्या है?
उत्तर : यह महासागरों में स्थित 70,000 किलोमीटर लंबी एक श्रृंखला है।
17. पृथ्वी का सबसे बाहरी ठोस भाग क्या कहलाता है?
उत्तर : पृथ्वी का सबसे बाहरी ठोस भाग भूपर्पटी (Crust) कहलाता है।
18. पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर : पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी भूगर्भीय और भूकंपीय अध्ययन से प्राप्त होती है।
19. भूकंपीय छाया क्षेत्र क्या दर्शाता है?
उत्तर : यह क्षेत्र वह है जहाँ कोई भी भूकंपीय तरंगें दर्ज नहीं होती।
20. ज्वालामुखी लावा के जमने से कौन-सी शैलें बनती हैं?
उत्तर : ज्वालामुखी लावा के जमने से आग्नेय शैलें बनती हैं।
Medium Questions with Answers
1. पृथ्वी के आंतरिक भाग की जानकारी कैसे प्राप्त की जाती है?
उत्तर : पृथ्वी के आंतरिक भाग की जानकारी अप्रत्यक्ष स्रोतों, जैसे भूकंपीय तरंगों, गुरुत्व विसंगति, और उल्काओं के अध्ययन से प्राप्त होती है। इसके अलावा, खनन और ज्वालामुखी से निकले पदार्थ भी मदद करते हैं।
2. भूकंप का उद्गम केंद्र और अधिकेंद्र में क्या अंतर है?
उत्तर : उद्गम केंद्र वह स्थान है जहाँ से भूकंप की ऊर्जा निकलती है, और यह पृथ्वी के अंदर स्थित होता है। अधिकेंद्र पृथ्वी की सतह पर वह बिंदु है जो उद्गम केंद्र के ठीक ऊपर स्थित होता है।
3. भूकंपीय तरंगों की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : भूकंपीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं: भूगर्भीय और धरातलीय। इनका वेग और दिशा पदार्थ के घनत्व और प्रकार पर निर्भर करते हैं।
4. भूकंप के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर : भूकंप भ्रंश रेखाओं पर चट्टानों के खिसकने, ज्वालामुखी विस्फोट, और खनन या विस्फोट गतिविधियों के कारण होते हैं। यह ऊर्जा के अचानक मुक्त होने का परिणाम है।
5. शील्ड ज्वालामुखी की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : शील्ड ज्वालामुखी से बहुत तरल बेसाल्ट लावा निकलता है, जो दूर तक फैल सकता है। इसका ढाल कम तीव्र होता है, और यह कम विस्फोटक होता है।
6. भूपर्पटी और मैंटल में क्या अंतर है?
उत्तर : भूपर्पटी पृथ्वी का सबसे बाहरी और ठोस परत है, जिसकी मोटाई महासागरों और महाद्वीपों के नीचे अलग होती है। मैंटल भूपर्पटी के नीचे की परत है, जो ठोस और अर्ध-तरल पदार्थों से बनी होती है।
7. भूकंपीय तरंगों के अध्ययन का क्या महत्व है?
उत्तर : भूकंपीय तरंगों का अध्ययन पृथ्वी की आंतरिक संरचना, जैसे भूपर्पटी, मैंटल, और क्रोड की विशेषताओं को समझने में मदद करता है। यह प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी और भविष्यवाणी में भी सहायक है।
8. गुरुत्व विसंगति के क्या कारण हैं?
उत्तर : गुरुत्व विसंगति पदार्थों के असमान वितरण, पृथ्वी के घूर्णन, और भूपर्पटी की संरचनाओं के कारण होती है। यह खनिजों और भू-वैज्ञानिक संरचनाओं का पता लगाने में मदद करती है।
9. ज्वालामुखी कुंड की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : ज्वालामुखी कुंड अत्यधिक विस्फोटक होते हैं, और विस्फोट के बाद यह स्वयं धँस जाते हैं। इनके आसपास बड़े-बड़े गड्ढे या गर्त बनते हैं।
10. पृथ्वी की आंतरिक परतों के निर्माण में घनत्व का क्या महत्व है?
उत्तर : पृथ्वी की आंतरिक परतों में घनत्व गहराई के साथ बढ़ता है। यह भूकंपीय तरंगों के संचरण, तापमान, और दबाव के विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Long Questions with Answers
1. भूकंपीय तरंगों के प्रकार और उनकी विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर : भूकंपीय तरंगें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: भूगर्भीय और धरातलीय। भूगर्भीय तरंगों में प्राथमिक (P) और द्वितीयक (S) तरंगें शामिल होती हैं। P-तरंगें तीव्र गति से चलती हैं और गैस, तरल, और ठोस पदार्थों से गुजर सकती हैं, जबकि S-तरंगें केवल ठोस माध्यम से यात्रा करती हैं। धरातलीय तरंगें सतह पर चलती हैं और अधिक विनाशकारी होती हैं। इन तरंगों के अध्ययन से पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी मिलती है।
2. पृथ्वी के क्रोड और मैंटल की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर : क्रोड पृथ्वी का सबसे भीतरी भाग है और मुख्य रूप से निकिल व लोहे से बना है। बाहरी क्रोड तरल और आंतरिक क्रोड ठोस अवस्था में है। मैंटल भूपर्पटी के नीचे स्थित है और 2,900 किमी गहराई तक फैला है। इसका ऊपरी भाग, जिसे दुर्बलतामंडल कहते हैं, अर्ध-तरल अवस्था में होता है। क्रोड और मैंटल की परतें भूकंपीय तरंगों के संचरण से पहचानी गई हैं।
3. भूकंप के मुख्य कारणों का विस्तृत वर्णन करें।
उत्तर : भूकंप मुख्य रूप से भ्रंश रेखाओं पर चट्टानों के खिसकने से होते हैं। ज्वालामुखीय गतिविधियाँ और भूमिगत खनन कार्य भी भूकंप के कारण हो सकते हैं। कभी-कभी रासायनिक या परमाणु विस्फोट भी भूमि में कंपन उत्पन्न करते हैं। भूकंप भ्रंश क्षेत्र में ऊर्जा के अचानक मुक्त होने का परिणाम है। इससे उत्पन्न तरंगें सतह तक पहुँचकर नुकसान पहुँचाती हैं।
4. गुरुत्व विसंगति क्या है, और इसका अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर : गुरुत्व विसंगति पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल की भिन्नता को कहते हैं। यह भूपर्पटी में पदार्थों के असमान वितरण, घूर्णन, और संरचनात्मक परिवर्तनों के कारण होती है। इसका अध्ययन खनिज संसाधनों, भूवैज्ञानिक संरचनाओं, और पृथ्वी की आंतरिक परतों को समझने के लिए आवश्यक है। गुरुत्व विसंगति से हमें भूपर्पटी के द्रव्यमान और उनकी गहराई की जानकारी मिलती है। यह वैज्ञानिक अनुसंधानों और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में मददगार है।
5. ज्वालामुखी कुंड की प्रक्रिया और विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर : ज्वालामुखी कुंड पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे अधिक विस्फोटक ज्वालामुखी हैं। इनका विस्फोट इतना तीव्र होता है कि ये स्वयं धँसकर बड़े गड्ढों का निर्माण कर लेते हैं। विस्फोट के दौरान लावा, राख, और गैसें अत्यधिक मात्रा में निकलती हैं। कुंड के निर्माण में आसपास के क्षेत्र को भारी नुकसान पहुँचता है। ये संरचनाएँ मैग्मा भंडारों के पास स्थित होती हैं।
6. पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना का अध्ययन कैसे किया जाता है?
उत्तर : पृथ्वी के आंतरिक भाग का अध्ययन अप्रत्यक्ष स्रोतों, जैसे भूकंपीय तरंगों, उल्काओं, और गुरुत्वाकर्षण विसंगति के माध्यम से किया जाता है। वैज्ञानिक खनिजों के घनत्व, तापमान, और दबाव के परिवर्तनों का अनुमान लगाते हैं। खनन और ज्वालामुखी से निकले पदार्थ भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। सिस्मोग्राफ भूकंपीय तरंगों का अध्ययन करके परतों के घनत्व और संरचना की जानकारी देता है। ये तकनीकें पृथ्वी की आंतरिक संरचना को समझने में सहायक हैं।
7. पृथ्वी पर भूपर्पटी की मोटाई में अंतर क्यों होता है?
उत्तर : भूपर्पटी की मोटाई महासागरों और महाद्वीपों के नीचे अलग-अलग होती है। महासागरों के नीचे इसकी मोटाई औसतन 5 किमी है, जबकि महाद्वीपों के नीचे यह 30 किमी तक हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में यह मोटाई 70 किमी तक पहुँच जाती है। यह भूपर्पटी के निर्माण सामग्री और भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। मोटाई का यह अंतर पृथ्वी की परतों के घनत्व और संरचना को प्रभावित करता है।
8. ज्वालामुखी शैल संरचनाएँ कैसे बनती हैं?
उत्तर : ज्वालामुखी शैल संरचनाएँ लावा के ठंडा होने से बनती हैं। अगर लावा सतह पर ठंडा होता है, तो ज्वालामुखी शैलें बनती हैं। यदि यह धरातल के नीचे जमता है, तो इसे पातालीय शैल कहा जाता है। लैकोलिथ, बैथोलिथ, और सिल जैसी संरचनाएँ अंतर्वेधी शैल जमाव का परिणाम हैं। ये संरचनाएँ ज्वालामुखी गतिविधियों की तीव्रता और लावा के प्रवाह पर निर्भर करती हैं।
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