प्रतिबल क्या है, मात्रक, विमीय सूत्र, अभिलंब और अपरूपण
प्रतिबल
जब किसी वस्तु पर बाह्य बल (विरुपक बल) लगाया जाता है तो वस्तु के आकार अथवा आकृति में परिवर्तन हो जाता है। तथा वस्तुओं में आंतरिक प्रत्यानयन बल उत्पन्न हो जाता है जो वस्तु को पूर्व अवस्था में लाने का प्रयास करता है यह साम्यवस्था होती है।
” साम्यवस्था में किसी वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर कार्य करने वाले आंतरिक प्रत्यानयन बल को प्रतिबल कहते हैं।
माना साम्यवस्था में किसी वस्तु का क्षेत्रफल A तथा उस पर आरोपित बल F हो तो
माना साम्यवस्था में किसी वस्तु का क्षेत्रफल A तथा उस पर आरोपित बल F हो तो
प्रतिबल = प्रत्यानयन बल/क्षेत्रफल
\( {प्रतिबल = \frac{F}{A} } \)प्रतिबल का मात्रक न्यूटन/मीटर2 होता है। एवं इसका विमीय सूत्र [ML-1T-2] होता है। प्रतिबल का एक और मात्रक पास्कल होता है जिसे Pa से दर्शाया जाता है।
प्रतिबल के प्रकार
वस्तु पर लगने वाले बल के आधार पर प्रतिबल को दो भागों में बांटा गया है।
(1) अभिलंब प्रतिबल
(2) स्पर्श रेखीय या अपरूपण प्रतिबल
1. अभिलंब प्रतिबल
जब किसी वस्तु पर लगाया गया विरुपक बल उस वस्तु की सतह के लंबवत होता है तो उस वस्तु पर कार्यरत प्रतिबल को अभिलंब प्रतिबल (normal stress) कहते हैं।
वस्तु में होने वाले परिवर्तन के आधार पर अभिलंब प्रतिबल दो प्रकार के होते हैं।
(a) तनन प्रतिबल
(b) संपीडन प्रतिबल
(a) तनन प्रतिबल
यदि किसी वस्तु पर विरुपक बल लगाने से उसकी लंबाई में वृद्धि होती है तो वस्तु पर कार्यरत प्रतिबल को तनन प्रतिबल कहते हैं।
यदि l लंबाई की तथा A अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल की एक बेलनाकार छड है। जिसके दोनों सिरों पर बाहर की ओर बल लगाने से उसकी लंबाई में ∆l की वृद्धि हो जाए तब बेलन में उत्पन्न तनन प्रतिबल F/A होगा।
(b) संपीडन प्रतिबल
यदि किसी वस्तु पर विरुपक बल लगाने से उसकी लंबाई में कमी होती है तो वस्तु पर कार्यरत प्रतिबल को संपीडन प्रतिबल कहते हैं।
2. स्पर्श रेखीय या अपरूपण प्रतिबल
जब किसी वस्तु की सतह पर विरुपक बल स्पर्श रेखीय दिशा या समांतर दिशा में लगाया जाता है तो वस्तु की आकृति परिवर्तित हो जाती है। जबकि वस्तु का आयतन अपरिवर्तित रहता है इस स्थिति में वस्तु के एकांक क्षेत्रफल पर कार्यरत आंतरिक प्रतिबल को स्पर्श रेखीय प्रतिबल या अपरूपण प्रतिबल (shearing stress) कहते हैं।
यदि किसी वस्तु का पृष्ठ क्षेत्रफल A है एवं इसकी सतह पर स्पर्श रेखीय बल F लगाने से वस्तु की प्रत्येक ऊर्ध्वाधर सतह θ कोणीय विस्थापित हो। तब वस्तु पर कार्यरत स्पर्श रेखीय बल F/A होगा।
प्रतिबल एवं दाब में अंतर
किसी वस्तु के अनुप्रस्थ काट के एकांक क्षेत्रफल पर कार्य करने वाले आंतरिक बल को प्रतिबल कहते हैं।
जबकि किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर कार्य करने वाले अभिलंबवत् बल को दाब कहते हैं।
Krish Yadav says
Physics notes