द्रव्य के तापीय गुण नोट्स
ऊष्मा और ताप क्या है क्या यह दोनों एक ही गुण हैं। या अलग-अलग हैं?
आपने भी यह जरूर सोचा होगा कि क्या ऊष्मा और ताप दोनों एक ही हैं। वास्तव में यह दोनों अलग-अलग है इस अध्याय के अंतर्गत द्रव्य के तापीय गुण का पूरा अध्ययन किया गया है इसके सभी महत्वपूर्ण टॉपिक भी दिए गए हैं।
ताप को हम सेल्सियस, फॉरेनहाइट तथा केल्विन में मापते हैं। जबकि ऊष्मा को हम जूल में मापते हैं।
ऊष्मा को कैलोरी में भी मापा जाता है।
1 कैलोरी = 4.2 जूल
द्रव्य के तापीय गुण नोट्स
• विशिष्ट ऊष्मा का मात्रक जूल/किग्रा-°C अथवा कैलोरी/किग्रा-°C होता है।
• ऊष्मा का संचरण तीन विधियों द्वारा होता है। चालन, संवहन और विकिरण।
• जब किसी द्रव में कोई अपद्रव्य पदार्थ मिला दिया जाता है। तो इससे द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है।
• केल्विन पैमाने पर पानी का हिमांक 273K होता है।
• आदर्श कृष्णिका अपने ऊपर आपतित सभी तरंगदैर्ध्य की विकिरणों को पूर्ण रूप से अवशोषित कर लेती है।
• गुप्त ऊष्मा का SI पद्धति में मात्रक जूल/किलोग्राम होता है।
• जल का पारदर्शी एवं इसका ऊष्मीय प्रसार आसमान है जिस कारण तापमापी का प्रयोग जल में नहीं होता है।
अवशोषण क्षमता
किसी समय किसी पृष्ठ द्वारा अवशोषित विकिरण ऊर्जा की मात्रा एवं उसी समय में पृष्ठ पर आपतित कुल विकिरण ऊर्जा के अनुपात को उस पृष्ठ की अवशोषण क्षमता कहते हैं। इसे a से प्रदर्शित करते हैं। यह एक मात्रकहीन राशि है।
अवशोषण क्षमता = अवशोषित विकिरण ऊर्जा / आपतित विकिरण ऊर्जा
उत्सर्जन क्षमता
किसी ताप पर पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित कुल विकिरण ऊर्जा की मात्रा को उस पृष्ठ की उत्सर्जन क्षमता कहते हैं। इसे e से प्रदर्शित करते हैं।
उत्सर्जन क्षमता = विकिरण ऊर्जा × क्षेत्रफल / समयांतराल
उत्सर्जन क्षमता का मात्रक जूल-मीटर2/सेकंड होता है।
कैलोरीमिति का सिद्धांत
ऊष्मा का संचरण सदैव उच्च ताप वाली वस्तु से निम्न ताप वाली वस्तु की ओर होता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक दोनों के ताप सामान नहीं हो जाएं।
अर्थात एक वस्तु द्वारा दी गई ऊष्मा दूसरी वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा के बराबर होती है। यही कैलोरीमिति का सिद्धांत है।
दी गई ऊष्मा = ली गई ऊष्मा
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